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इन सब्जियों को पका कर न खाएं | in sabjiyon ko paka kar na khaen | Today india news

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इन सब्जियों को पका कर न खाएं | in sabjiyon ko paka kar na khaen | Today india news कच्ची सब्जियों को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। ताजी कच्ची सब्जियों में अनेक तरह के विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीआॅक्सीडेंट पाएं जाते हैं। जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। कच्ची सब्जियों के नियमित सेवन से कई तरह की गंभीर बिमारी जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर, मोटापा आदि से छुटकारा पा सकते हैं।  सब्जियों को उबालने, पकाने या सूखाने से उनमें पाये जाने वाले पौष्टिक तत्व विटामिन, मिनरल्स आदि नष्ट हो जाते हैं। कुछ सब्जियां तो ऐसी होती है जिन्हें कच्चा ही खाना अधिक फायदेमंद होता है। कच्ची सब्जी खाने से दूर होती अनेक गंभीर बीमारी   एक्सपर्ट्स के अनुसार, कच्ची सब्जियों में शरीर को पोषण देने वाले सभी जरूरी पोषक तत्व पाये है इसमे फाइबर काफी मात्रा में होता है फाइबर की वजह से इसे खाने से पेट जल्दी भर जाता है। लोग ओवरईटिंग से भी बच जाते है। ज्यादा गहरे रंग की सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स अधिक मात्रा में होते है।  आईयेे जानते हैं ऐसी कौन-कौन सी सब्जियां हैं जिन्हें पका कर नहीं बल्कि कच्चा ही खाना

best useful home remedies | दांतों के लिए घरेलू उपाय | Today India News health Tips in hindi

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  best useful home remedies | दांतों के लिए घरेलू उपाय | Today India News health Tips in hindi  दांतों का हिलना, ढीलापन खाना खाने के समय दांतों में दर्द महसूस होना, दांत को ऊंगली से छूने पर कमजोर जैसा लगना इसे डाक्टरी भाषा में पैरीयोडोंटम की प्राब्लम कहा जाता है। इसका इलाज मंहगा नहीं है। पर डाक्टर के पास जाने पर वह डर दिखा कर बहुत सारे टैस्ट करवा कर जेब खाली करने में लग जाते हैं। यहां हम कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं जो पैरीयोडोंटम की प्राब्लम को दूर कर देंगे।  पैरीयोडोंटम की प्राब्लम मसूड़ों में होती है, जिसकी वजह से दांत के आसपास के टिशु को प्रभावित हो जाते है। दांतों से जुड़े मुलायम फाइब्रस टिश्यू जो अंदर हड्डी से कनेक्ट होते हैं, मुलायम हो जाते हैं। जिसकी वजह से दांत हिलने लगते है।  यह समस्या दांतों को हार्ड ब्रश से बहुत ज्यादा रगड़ने, दातों से नियमित ब्लड आने, उम्र बढ़ने, दातों की ठीक से सफाई न करने, मसूड़ों के संक्रमण, दूसरों के टावेल, रूमाल आदि का इस्तेमाल करने आदि की वजह से हो सकते है।  दांतों के लिए घरेलू उपाय 1  एक दो बूंद पुदीने के तेल को पानी में डाल कर दिन में दो तीन बार कुल्ला

मुहांसे का इलाज सिम्पल इलाज इन हिन्दी | kil muhase dur karne ke upay | Non Drug Therapy

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  मुहांसे का इलाज सिम्पल इलाज इन हिन्दी  | kil muhase dur karne ke upay | Non Drug Therapy मुंहासे की समस्या एक आम समस्या है। यह किसी भी उम्र में हो सकती हैं। लड़कियों में 14 से 16 वर्ष तथा लड़कों में यह 16 से 19 वर्ष की उम्र में मुंहासे निकलने की संभावना अधिक होती है।  वैसे मुंहासे ज्यादातर चेहरे या गालों पर होते हैं। इसके अलावा छाती के ऊपरी भाग व पीठ पर भी यह दिखाई देते हैं। लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में मुंहासे के कारण दाग होने की संभावना ज्यादा होती है। उन्हें भी सावधानी बरतनी चाहिए। मुंहासे उत्पन्न होने के कारण स्त्री या पुरुष जब बचपन से युवावस्था में आने पर उनके शरीर में हार्मोन में बदलाव आने लगते हैं। इस कारण उनके चेहरे पर कील, मुंहासे, एक्ने, पिंपल्स जैसी समस्या उत्पन्न होने लग जाते।    इनके अलावा भी मुंहासे उत्पन्न होने के और भी कई कारण है।  - अधिक तेल-मसाले एवं चर्बीयुक्त चीजों का सेवन। Read this :- Cyber crime : Beware of online offers | ऑनलाइन ऑफर से सावधान 5 special rules to keep healthy | हेल्दी बने रखने के 5 खास नियम benefits of Indian super food | इण्डियन सुपर फूड

benefits of Indian super food | इण्डियन सुपर फूड फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान

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  अच्छी सेहत पाना चाहते हैं तो अपने आहार में रोजाना दाल का इस्तेमाल जरूर करें। किसी दूसरे खाद्य पदार्थ की तुलना में अधिक प्रोटीन पाया जाता है। इसके साथ ही विटामिन, मिनरल्स, एंटी आॅक्सीडेंट, फाइबर पाएं जाते हैं।  दाल में फैट की मात्रा काफी कम होती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं होती। दाल में पाया जाने वाला फाइबर पाचन क्रिया में मदद करने के साथ पेट को साफ रखता है। गरीब की रोटी दाल भले ही कहीं जाएं पर नये अनुसंधान के अनुसार, दाल एक सुपर फूड है, इसमें भरपूर पोषक तत्व पाया जाता है। अच्छे सेहत के लिए इसे रोज अपने खाने में इस्तेमाल करना चाहिए। रोजाना दाल खाने से बाॅडी काफी एक्टिव रहती है। दाल पेट में अधिक देर तक रहता है। जिससे जल्दी भूख नहीं लगती। नियमित दाल का सेवन करने से मोटापा हावी नहीं होता।  दाल में कई ऐसे तत्व पाएं जाते हैं जो कैंसर जैसी भयंकर बीमारी को रोकने में मदद करती है।    नियमित दाल खाने के फायदे जान लें 1 एक कप दाल में 18 ग्राम प्रोटिन पाया जाता है। 2  दाल में पाया जाने वाला डाइट्री फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के साथ कब्ज की प्राब्लम को होने नहीं देती।  Tips for y

5 special rules to keep healthy | हेल्दी बने रखने के 5 खास नियम

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  हेल्थ प्राब्लम को दूर करने के लिए सिर्फ दवा ही काफी नहीं होती. इसे जड़ से दूर करना चाहते हैं तो बीमारी उत्पन्न होने के कारण को जानना जरूरी है. हमारा प्रयास यह रहेगा. बीमारी उत्पन्न होने के कारणों के बारे में जानकारी देना ताकि बीमारी को शरीर से समूल तरीके से नष्ट कर सके. हेल्दी बनाएं रखने के लिए 5 खास नियम के बारे में जानकारी दें रहें हैं. इन्हें जो भी अपनाएंगा बीमारी उसके पास नहीं आएंगी.    1 पहला नियम शरीर की सुनें Listen to the body किसी भी बीमारी के उत्पन्न होने के पहले शरीर में कुछ संकेत मिलते हैं. उनके बारे में हर किसी को नाॅलेज होना जरूरी है. जब आप शरीर की सुन लेते हैं, बीमारी को बढ़ने के पहले आप उसे रोक सकते हैं. 2 शरीर की सफाई पर ध्यान दे ttention to body cleanliness शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शरीर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. अनुसंधान में पता चला है कि सफाई पर ध्यान देने की वजह से इनेक तरह की बीमारियां शरीर में उत्पन्न होती है. 3 क्या खाएं क्या ना खाएं What to eat what not to eat खाने के भी कुछ खास नियम होते है, जिन्हें ध्यान रखना जरूरी है. इसके लिए क्या खाएं क