Today and tomorrow : How to hack online औनलाइन ठगी कैसे-कैसे .......सावधान रहें

Today and tomorrow  :  How to hack online औनलाइन ठगी कैसे-कैसे .......सावधान रहें
                       
                                 

Today and tomorrow  :  How to hack online औनलाइन ठगी कैसे-कैसे .......सावधान रहें

ठगी कैसे-कैसे How to hack online

फ्राड यानी ठगी जिसे आम भाषा में चूना लगाना कहा जाता है. फ्राड के एक-दो नहीं लाखों तरीके हंै. आज के जमाने में. छोटी सी चूक होने पर आप भी ठगी का शिकर कोई भी हो सकता है. फ्राड करने वाले बहुत ही चतुर होते हैं. पूरी प्लानिंग के साथ ठगी को अंजाम देते हैं. थोड़ी सी सावधानी में चूक हुई नहीं की सामने वाले को चूना लगने में देर नहीं लगती.

यहां पर हम देश भर के घटित कुछ ठगी के कारनामों के बारे में जानकारियां दे रहे हैं. इन मामलों की जांच करने वाली  पुलिस ठगी के तरीकों के बारे में जानकर हैरान रह गई. पुलिस का कहना है, ठगी से बचने के लिए सबसे सही उपाय है लालच न करे तथा दुसरों पर आंख मूंदकर विश्वास न करे.

इमिग्रेस विभाग का नाम लेकर ठगी Thug with the name of the Imigrace department


मुबंई पुलिस ने इमिग्रेशन के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह के बारे में पता चला. खोजबीन के बाद पुलिस गिरोह के एक विदेशी सदस्य को गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार कुछ विदेशी शातिर किस्म के लोग सोशल नेटवर्किग के द्वारा भारतीय महिलाओं से दोस्ती करते है. फिर धीरे-धीरे गहरी दोस्ती कर लेते हैं. उनका विश्वास जीत लेने के बाद किसी परेशानी या मजबूरी का हवाला देकर उनसे पैसों की मांग करते हैं. एक बार रूपए देने के बाद इनका सिलसिला रूकता नहीं है. वे बार-बार रूपयों की डिमांड करते है.

यहीं नहीं ये लोग अचानक भारत आ जाते हैं. यहां पहुंच कर अपने शिकार को फोन करके कहते हैं. उनसे मिलने वह भारत आ गया है. मुबंई एयरपोर्ट पर इमिगे्रशन विभाग ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. इसके लिए कुछ आर्थिक मदद की जरूरत है.

यह सब वे प्लानिंग के तहत करते थे जिसमें भारत में मौजूद कुछ साथी उनकी मदद करते थे. ये लोग मिलकर इमिग्रेशन विभाग का नाम लेकर महिला मित्र से सम्पर्क करते थे और हिरासत में फंसे दोस्त (व्यक्ति) को छूड़ाने के लिए जल्दी से जल्दी उनसे बैंक अकाउंट में पैसे डालने के लिए कहते थे. जैसे पैसे अकाउंट में आ जाते थे, फोन करने वालों के फोन बंद हो जाते थे.

किटी पार्टी के नाम पर ठगी Thieves on the name of Kitty Party


जैसे की हमेशा से कहा जाता है कि लालच में आकर ही अक्सर लोग ठगी का शिकार होते हैं. ऐसा ही एक मामला मुंबई से सटे मीरा भायंदर में हुआ. भाजपा युवा मोर्चा की अध्यक्ष करिश्मा पुनमिया को पुलिस ने हजारो महिलाओं से करोड़ों रूपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया.


पुनमिया महाराष्ट्र सरकार की मंत्री पंकजा मुंडे की बड़ी-बड़ी तस्वीरों के साथ नजर आती थी. वह गोल्ड किटी पार्टी के नाम से स्कीम चलाती थी. जिसमें मेम्बर को 36 माह तक हर महीने 1000 रूपए भरना होता था. हर माह ड्रा निकाला जाता था. जिसके नाम से ड्रा निकलता था उसे उसके बाद से रूपए नहीं देने पड़ते थे. ड्रा निकलने वाले को 36 महिने बाद 41,000 रूपए देने का वादा करती थी.

शुरू-शुरू में पुनमिया ने लोगों को पैसे दिए, पर कुछ समय बाद वह लोगों को पैसों के लिए घुमाने लगी. परेशान लोगों ने जब पुलिस में शिकायत की तब जाकर मामला सामने आया. पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 420/406 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है.

न्यूजीलैंड में नौकरी का झांसा देकर ठगी False job in New Zealand by scoffing


विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 40 वर्षीय मोहम्मद इदरीश नाम के एक शख्स को पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट, न्यूजीलैंड की एक कंपनी के मोनो वाले फार्म और अन्य दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया.
पुलिस के अनुसार, इदरीश बेरोजगार युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने का सपना दिखाता था. आठवीं पास इदरीश ने कई युवाओं को झांसा देकर तीन लाख रूपए से ज्यादा रूपये एंठ लिए थे. मामला तब सामने आया जब मो. उसने उन युवाओं का मेडिकल करवाने के बाद उन सभी से 50-50 हजार रूपए मांगे तो युवाआं को शक हुआ. युवाओं ने इस बारे में पुलिस को शिकायत कर दी.

24 वर्षीय बेरोजगार फुरखान विदेश जाकर नौकरी करने के सपने देख रहा था. उसके एक परिचित ने उसकी मुलाकात इदरीश से करवाई. फुरखान, इदरीश की बातों से काफी प्रभावित हो गया. उसने अपने आठ अन्य दोस्तों को उससे मिलवाया. वे भी विदेश जाना चाहते थे. इदरीश ने सबसे कहा, वह सबको न्यूजीलैंड की मार्बिन कंपनी में अलग-अलग पदों पर भर्ती करवा सकता है. उसने उन सभी से तीन लाख तीस हजार ले लिए. रूपए लेने के बाद वह कुछ समय तक युवाओं को घुमाता रहा. फिर एक दिन सभी युवाओं को भोपाल बुला कर एक प्रायवेट अस्पताल में मेडिकल करवाया. युवाओं को उस वक्त शक हुआ जब मेडिकल करवाने के बाद सभी को जल्दी से 50-50 हजार रूपए जमा करने की बात करने लगा.

पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार करने के बाद नक्शा दिखा कर उससे पूछा कि न्यूजीलैंड कहा हैं तो वह सकपका गया. उसने दुबई के पास बताया. पुलिस ने उसकी कार में से एक पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पेनकार्ड, मार्बिन कंपनी के मोनो, अन्य लोगो वाले फार्म मिले.

इदरीश सिर्फ बेरोजगार युवाओं को ही नहीं ठग रहा था बल्कि वह नाम बदलकर अपनी गर्लफ्रेंड को भी झांसा दे रहा था. पुलिस के मुताबिक उसने राहुल शर्मा के नाम से फर्जी पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस बना रखे थे. जिसमें तस्वीर तो इदरीश की लगी थी, पर नाम राहुल शर्मा लिखा था. यह सब उसने स्कैन करके खुद ही बना लिया था. उसने पुलिस को बताया वह अपनी गर्लफ्रेंड से शादी करना चाहता था. उसने अपनी गर्लफ्रेंड को सही नाम नहीं बताया था.



जादुई पेन से ठगी Cheat from magical pen


मुंबई पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो बैंक से लोन दिलाने के नाम पर उनसे कैंसल चेक लेते थे और बाद में बैंक के खाते से रूपए उड़ा देते थे. दादर पुलिस को ऐसे मामलों की शिकायत मिलने पर इसकी जांच शुरू कर दी.

जांच में पता चला जिस चेक से रूपए निकाले गए थे उस पर बाकायदा शिकायतकर्ता के दस्तखत थे. इस पर शिकायतकर्ता से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने वह चेक लोन दिलाने वाले एक एजेंट को दिया था. पुलिस ने एंजेट को फोन किया तो उसका फोन बंद मिला. पुलिस को समझते देर नहीं लगी एजेंट ने ठगी की है.
पुलिस के लिए बड़ा सवाल यह था कि कैंसल चेक पास कैसे हो गया?

पुलिस बारबार फोन करके मोबाइल नंबर के लोकेशन को ट्रेस किया. लोकेशन पर पहुंचने पर पुलिस को कल्पेश ताम्बे, श्रीमत भोसले और मनोज मिश्रा मिले. सभी को गिरफ्तार कर थाने ले आयी. उन्होंने जो बताया उसे सुनकर पुलिस दंग रह गई. यह गिरोह अपने पास के जादुई पेन के द्वारा ठगी कां अंजाम देता था.

पुलिस आयुक्त महेश पाटिल के अनुसार, शातिर ठग बैंक के बाहर खड़े होकर लोन लेने के इच्छुक लोगों की तलाश करते थे. उन्हें आसानी से लोन दिलाने का झांसा देते थे. इसके लिए खाते में कम से कम एक लाख रूपए होने की शर्त रखते थे. लोन की प्रक्रिया के लिए सिर्फ कैंसल चेक की डिमांड करते थे. लोन के लिए कैंसल चेक की डिमांड करना आम बात है. लोग इनके लिए बिना कुछ कहे तैयार हो जाते थे.




पुलिस के मुताबिक चेक भरते समय शातिर ठग सारा गेम करते थे. क्लाइंट अपने सामने चेक भरवाते थे. जिससे चेक पर कोई कमी न रह जाएं. उस वक्त वे अपने पास का रखा जादुई पेन चेक भरने वाले के हाथ में थमा देते थे. सामने वाले उस पेन से क्लाइंट नाम, रकम और साइन कर देता था. चेक देते ही ठग उन्हें बधाई दे यह कह कर चेक लेकर चले जाते थे कि कुछ दिनों में उनके अकाउंट में लोन की रकम डिपाजिट हो जाएगी.
इसका असर उल्टा होता था. उनके मोबाइल पर रूपए आने की सूचना की बजाएं खाते से रकम निकल जाने का मैसेज आता था. इसके बाद न तो वे मिलते थे न ही उनका फोन नंबर लगता था.

जिस पेन से ठग चेक भरवाता था. वह जादुई पेन होता था. इस पेन से जो कुछ भी कागज पर लिखा जाता था. उस कागज के नीचे लाइटर की लौ दिखाने पर पेन से लिखा अंश गायब हो जाता है. पुलिस के अनुसार उस स्याही में स्प्रिट मिला होने की वजह से कागज के नीचे लाइटर के आंच के सम्पर्क में आते ही वह उड़ जाता है. शातिर ठग लाइटर की आंच से कैंसल चेक को ब्लैंक चेक बना देते थे. फिर अपना नाम, रकम भर कर उसे भुना लेते थे. इस जादुई पेन से अनेक लोगों को ठग चुके थे.

घड़े में कोहिनूर बता कर ठगी Cheat by calling Kohinoor in the pitcher


पानीपत का रजिन्द्र विदेश जाना चाहता था. यमुना नगर के नूरहसन ने आस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर उससे 7 लाख रूपए मांगे. रजिन्द्र के पास उस वक्त 2 लाख रूपए थे. उसने नूरहसन को दे दिए. रूपए लेने के बाद नूरहसन, रजिन्द्र को काफी समय तक घुमाता रहा. एक दिन उसने रजिन्द्र  से कहा उसे विदेश जाने की जरूरत नहीं क्योंकि उसके घर में दो घड़े दबे हैं, जो हीरे-जवाहरात से भरे हैं.

यदि वह किसी तरह से डेढ़ लाख रूपये और दे दंे तो उसमें से एक घड़ा वह उसे दे देगा. रजिन्द्र लालच में आ गया. उसने इधर-उधर से किसी तरह से डेढ़ लाख रूपए जमा किए. वह रूपए लाकर नूरहसन को दे दिए. रूपये पर नूरहसन अपने घर से एक सजा हुआ घड़ा ले आया. नूरहसन ने रजिन्द्र  से कहा, इसे यमुना नदी में रात के वक्त मंत्रों से शुद्ध करना होगा. दोनों रात के समय घड़ा लेकर यमुना नदी पर पहुंच गए. घड़े को शुद्ध करने के बहाने नूरहसन घड़े को यमुना नदी में छोड़. पानी के बहाव में वह घड़ा बहते-बहते दूर चला गया. इस पर नूरहसन ने कहा, अब तो घड़ा को बीच मझधार में जाकर लाना मुश्किल है. लेकिन परेशान हो उसके पास दूसरा घड़ा भी है. उसे लेकर आता हूॅ.

नूरहसन ने दूसरे घड़े के लिए और रूपए मांगे. रजिन्द्र घड़े में रखें हीरे-जवाहरात पाने के चक्कर में और रूपए लेने के लिए राजी हो गया. उसने फिर से रूपए जमा किए और 77 हजार रूपए लाकर नूरहसन को दे दिए. इस बार घड़े को शुद्ध करने के लिए नूरहसन उसे हरिद्धार के गंगा नदी के घाट पर ले गया. नूरहसन इस बार भी बड़ी चालाकी के साथ घड़े को गंगा में बहाना चाहता था. इस बार रजिन्द्र चैंकना था. नूरहसन ने काफी चालाकी से घड़े को बहाने की कोशिश की पर रजिन्द्र चैकन्ना था. उसने घड़े को बहने नहीं दिया. काम न बनते देख नूरहसन ने रजिन्द्र से कहा अब घड़ा शुद्ध हो गया है. इसे घर ले जाकर अपने लड़के के हाथ से खुलवाना. इसमें हीरे-जवाहरात निकलेंगे. घर ले जाकर घड़ा खोला तो उसमें राख के अलावा कुछ नहीं निकला.

पुलिस बन कर करते थे ठगी Were used to become police


नागपुर पुलिस ने फर्जी पुलिस के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो काॅलगर्ल के घर पर उस वक्त छपा मारते थे. जब ग्राहक काॅलगर्ल के साथ मौजमस्ती कर रहा होता था. यह छापा असली पुलिस बन कर मारते थे. पिछले कुछ समय से इस गिरोह ने पुलिस की नाक में दम कर रखा था. फर्जी पुलिस द्वारा लुटे जाने के काफी शिकायत नागपुर के विभिन्न थानों में दर्ज हो चुके थे.

गिरोह के सदस्य काफी चालाकी से काम को अंजाम दे रहे थे. पुलिस को काफी समय बाद क्लू मिला कि एक काॅलगर्ल के पास जब कोई बड़ा आसामी मौजमस्ती करने आता है, उस वक्त गिरोह के सदस्य असली पुलिस बन कर वहां छापा मारते थे.

पुलिस के फर्जी छापे बिलकुल असली छापे की तरह होते थे. इससे ग्राहक बूरी तरह से घबरा जाता था. अपनी इज्जत बचाने के लिए ग्राहक पुलिस के हाथ पैर जोड़ कर कार्यवाही न करने की मांग करते थे. तब नकली पुलिस वाले इसके बदले लाखों रूपए का सौदा करते थे.

पुलिस पिछले आठ माह से इस गिरोह को पकड़ने की कोशिश में थी. पर यह इतनी चालाकी से अपने काम को अंजाम दे रहा था कि वह पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ रहा था.  गिरोह को घेरने के लिए पुलिस दस्ते ने शिवा प्रिया टाॅवर में एक फ्लैट किराए पर लिया. इसी टाॅवर सारिका भी रहती थी. पुलिस टीम की सारिका की हर गतिविधियों पर निगाह रखने लगी. जैसे ही फर्जी पुलिस वालों ने हमेशा की तरह छापा मारा, असली पुलिस भी इसके लिए तैयार थी. पुलिस ने उन्हें दबोच लिया.

नौकरी के बहाने देहव्यापार


मुंबई पुलिस की समाजसेवा शाखा ने एक ऐसे गिरोह का भंड़ाफोड़ किया जो खूबसूरत लड़कियों को मुबंई में बड़ी कंपनियों व फिल्मों में काम दिलाने वादा कर उन्हें मुबंई लाकर देहव्यापर करने के लिए मजबूर करते थे.
इन लड़कियों को कोलकाता तथा बांग्लादेश की सीमा के आसपास के इलाके से लाया गया था. गिरोह के सदस्य लड़कियों व उनके परिवार वालों को अच्छी नौकरी व सैलरी देने का वादा कर इन्हें मुबंई लेकर आते थे. बड़े-बड़े सपने लेकर मुबंई पहुंचने पर इन लड़कियों के बूरे दिन शुरू हो जाते थे. लड़कियों को यहां  लाने के बाद इनके साथ जबरदस्ती कर पोर्न वीडियो बना लिया था. इन लड़कियों को उनकी पोर्न फोटो व पोर्न वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर इन्हें देहव्यपार के लिए मजबूर किया जाता था.
एसएस ब्रांच के डीसीपी प्रवीण पाटिल के अनुसार, गिरोह ने लड़की को किसी ग्राहक के साथ बाहर भेजा गया था. वह लड़की किसी तरह से ग्राहक को चकमा देकर भाग निकली. पीड़ित लड़की किसी तरह से जुहू पुलिस स्टेशन पहुंची. यहां पर उसने पुलिस के सामने आपबीती सुनाई. लड़की की आपबीती सुनने के बाद पुलिस ने छापेमारी कर 24 लड़कियों को मुक्त कराया. इनमें से अनेक लड़कियां बड़े घर की और अच्छी पढ़ीलिखी भी है.
सावधानी:- पुलिस का कहना है, जवान लड़की को दुसरे शहर में काम के लिए भेंजने के पहले पूरी तरह से जांच कर लेना जरूरी है. किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर या अनजान व्यक्ति के साथ लड़की को नहीं भेंजना चाहिए.

बिजनेस पार्टनरशिप का लालच देकर ठगी Cheating by luring business partners


अमीर लोगों को बिजनेस पार्टनरशिप का लालच देकर लाखों रूपयों की ठगी करने वाले हर बार अपना तरीका बदलते रहते है. उनके निशाने पर अमीर लोग होते है जो उन्हें मोटी रकम दे सके.
थाईलैंड की रहने वाली एक महिला ने पुलिस में शिकायत की एक दंपती ने खुद को टेली ब्रंाड एंड सर्जिकल की एजेंसी का खुद को मालिक बताते हुए दोनों उन्हें डीलरशिप देने के नाम पर उससे 10 लाख रूपए ले लिए. महिला द्वारा पति-पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के बाद पुलिस के पास शिकायत करने वालों की लाइन लग गई. 12 लोगों ने उनके खिलाफ विभिन्न तरीकों से ठगने के आरोप लगाएं. पुलिस के अनुसार 12 लोगों के शिकायत के अनुसार पति-पत्नी ने कुल 35 लाख रूपये ठगी किए जाने का मामला सामने आया है.
पुलिस के अनुसार, पति-पत्नी ने रेलवे में जिम मशीनें सप्लाई करने का झांसा देकर तीन लोगों को अपना शिकार बनाया. उसने उनसे कहा, उसे रेलवे के जिम में मशीनें सप्लाई का ठेका मिला है. तीनों को बिजनेस पार्टनर बनाकर मुनाफे का हिस्सा लेने की बात कह कर उनसे करीब 10 लाख रूपए ले लिये.
एक व्यक्ति को बताया कि उनका एक प्लांट 29 करोड़ रूपए में बिकने वाला है. उस व्यक्ति से उन्होंने कुछ काम करवाने के बहाने डेढ़ लाख रूपए ले लिये जिसे आज तक नहीं लौटाया.

फर्जी जज बन कर ठगी Cheating by becoming fake judge


अपने आपको जज बता कर ठगी करने वाले एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया. एक महिला ने उस शख्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. पुलिस के अनुसार करीब छह साल से आशीष दस से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है. इनमें नामी गिरामी बिजनेसमैन, बड़े घर की औरतें और लड़कियां शामिल है. खुद को जज बताने वाला यह शख्स लड़कियों को अपनी जाल में फंसाकर बिस्तर तक ले जाता था और उनकी आपत्तिजनक वीडियों बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करता था.
एक लड़की ने उस शख्स के खिलाफ ब्लैकमेल करने की शिकायत दर्ज करवाई थी. उसके खिलाफ जांच करने पर उसकी सारी असलियत सामने आ गई. वह शख्स ठगी के पैसों की बदौलत शानदार लाइफ जी रहा था. वह जिस घर में रहता था, उसका हर महिने का किराया 70 हजार रूपए है.
उसके पास बीएमडब्लू, मर्सिडीज, इंडेवर, फाॅरच्युन जैसी कई महंगी गाड़िया और कई माॅल में शो रूम है. वह मंहगें होटलों में पार्टीया आयोजित कर बड़े लोगों से सम्पर्क बनाता था. उसके पुलिस कमीशनर सहित कई बड़े अधिकारियों के साथ फोटो भी सामने आए है. वह खुद को कभी जज तो कभी ऊंची पहुंच बताकर उन्हें हुडा में प्लाट, फ्लैट दिलाने या रूके हुए काम करवाने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठ लेता था. वह युवतियों के साथ लिवइन में रहकर उनकी आपत्तिजनक वीडियो बना लेता था. इसके बाद उन्हें उन वीडियों के सहारे ब्लैकमेल करता था. पुलिस के मुताबिक उसके पास फर्जी आर्म्स लाइसंेस, डीएल और दूसरे फर्जी डाक्यूमेंटस मिले है.


 इन बातों का ध्यान रखें :-


- अपने बौयफ्रैंड के साथ कहीं जाने पर या एकांत में मिलने पर सावधान रहें. कहीं वह मोबाइल कैमरा से आपकी तस्वीर तो नहीं उतार रहा है. इस बात का भी ध्यान रहे. कहीं वह आपके अश्लील या अर्धनग्न फोटो तो नहीं खींच रहा है. वह इसका गलत इस्तेमाल कर सकता हैं.


- अपनी सहेली से भी बच कर रहे. सहेली भी छुप कर या मजाक में आपकी अश्लील फोटो तो नहीं खींच रही है. उसके प्रति निगाह रखें.

- अपने अंतरंग क्षणों को कभी भी मोबाइल कैमरे में कैद न करंे. यह परेशानदायक होता है.

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