Crime Story in Hindi : बेटी ही मां की सौतन

Crime Story in Hindi : बेटी ही मां की सौतन
Crime Story in Hindi : बेटी ही मां की सौतन


Crime Story in Hindi : बेटी ही मां की सौतन



इंस्पेक्टर माइकल अपने सहयोकियों के साथ बैठे कैस की स्टडी कर रहे थे तभी फोन की घंटी बज उठी. किसी ने उन्है. सूचना दी कि हाईवे पर एक लावारिस शिफ्ट डिजायर कार खड़ी है. सूचना मिलते ही माइकल अपने सहयोगी के साथ वहा पहुंच और कार को अपने कब्जे ले लिया। कार में लगभग पचास वर्षीय एक व्यक्ति की लाश थी.

लाश की दोनों हाथों की कलाइयों में घाव की निशास स्पष्ट दिखाई दे रहे थे. माइकल ने देखा कलाई की नसों को सत्रह जगह से काटा गया था जिससे अधिक खून बह जाने के कारण उस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी. कार में मिले ड्राइविंग लाइसेंस और मोबाइल से उसकी पहचान सुरेंद सिंह के तौर पर हो गई।

कार की तलाशी लेने पर उसमें सब्जियों से भरा एक बैग भी मिला, जिसमें किसी लड़की का कीमती दुपट्टा भी रखा हुआ था. दुपट्टा मिलने से हत्या का संबंध किसी महिला से खुद व खुद जुड़ गया, लेकिन माइकल के सामने दो सवाल खड़े थे.


पहला तो यह था कि क्या किसी महिला ने पैसों के लालच में हत्या की है या फिर किसी लड़की की इज्जत लूटने की कोशिश की हो, जिस पर लड़की ने उनकी हत्या कर दी हो.

कार की तलाशी लेने पर दूसरी वाली बात होने की संभावना कम नजर आ रही थी क्योंकि कार में किसी तरह के हाथापाई के निशान या संघर्ष करने जैसा कुछ नजर नहीं आ रहा था. इसके अलावा लूट का भी मामला नहीं था क्योकि अगर किसी युवती ने उनसे नजदीकी बढ़ाकर लूटने के लिए उनकी हत्या की है तो ऐसे प्रोफेशनल लुटेरे मृतक का मोबाइल मौके पर नहीं छोड़ते, दूसरे लाश को भी ऐसे जगह फेंकते है जहां से या तो लाश मिलती ही नहीं या मिले तो इतनी आसानी से उसकी पहचान ही न हो सकें.

इंस्पेक्टर माइकल एक काबिल पुलिस थे. उन्होंने सबसे पहले कार में मिले मोबाइल की काॅल डिटेल हासिल की, जिससे पता चला कि सुरेंद सिंह का लंदन में रहने वाली रोहिणी और उसकी बेटी अवनी से लंबी लंबी बाते होती है.
इतना ही नहीं लाश मिलने से पहले भी अवनी और सुरेंद सिंह के बीच कई बार बातचीत हुई थी. उसके बाद सुरेंद सिंह के मोबाइल की लोकेशन चैक की गई तो वह अवनी के घर के पास लगे टाॅवर की ही थी. इसका मतलब सुरेंद सिंह उस समय अवनी के साथ ही उसके घर पर थे.

आसपास के लोगों से पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि सुरेंद सिंह का अवनी और उसकी मां रोहिणी के साथ गहरे ताल्लुकात थे. माइकल के लिए यह जानकारी काफी मायने रखती थी. क्योंकि हत्या से पहले मोबाइल की लोकेशन उन्हीं के घर के आसपास थी.

माइकल ने अपने सहयोगी हैरी को रोहिणी और अवनी पर नजर रखने के लिए कहा. उन्होंने दोनों मां बेटी के मोबाइल के काॅल डिटेल मंगवाएं और उनकी पूरी जानकारी एकत्र करने का काम अपने विश्वसनीय मुखबीर को सौंप दिया.


इंस्पेक्टर माइकल को जल्दी ही सुरेंद सिंह की शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई, जिसमें लिखा गया था कि हत्या से पहले श्री शाह को बड़ी मात्रा में नींद की गोलियां दी गई थी. और उनकी हत्या भी गहरी नींद की अवस्था में ही की गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से अवनी और रोहिणी शक के घेरे में आ गए.

रोहिणी का पति एक मामुली कल्र्क है. रोहिणी के सपने बड़े थे. जो उसके पति की छोटी सी कमाई से पूरे नहीं होने वाले थे. वह शुरू से महत्वकांक्षी महिला थी. पचास की उम्र भी मर्दो पर कहर ढाने वाली रोहिणी जवानी के दिनों में कितनी खुबसूरत और सेक्सी रही होगी यह अनुमान लगाना आसान था. इसलिए जब उसे लगा कि इतने कम पैसे से घर का खर्चा पूरा होना मुश्किल है तब वह अपने सपनों को कैसे पूरा करेगी.

रोहिणी ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए सबसे सरल रास्ते को चुना, जिससे उसके पास पैसों की बरसात होने लगी. वह केवल आर्थिक रूप से गरीब जरूर थी, लेकिन सौंदर्य और सेक्स के मामले में धनी थी. इसके अलावा कब और कहां किसके हाथ अपने को बेचना है इसकी उसे बखूबी जानकारी थी.

रोहिणी बहुत सारा पैसा कमाना चाहती थी. इसके लिए उसने रईसों को ही अपना ग्राहक बनाया, जो उस पर भरपूर पैसा लुटा सकते थे. इससे उसे दो फायदे हुए. उसकी क्लास भी मेंटेन रही और पैसा भी उम्मीद से अधिक आने लगा. उसने लंदन के पाॅश इलाके में अपना एक फ्लैट खरीद लिया और ऐशो आराम की जिंदगी जीने लगी.
बेटी अवनी अब बड़ी हो गई थी. उसे समझ में आने लगा कि मंहगी कार में बैठकर घर आने वाले अंकल किस मकसद से मां के पास आते है. अवनी ने जब होश संभाला तभी से वह अपने पिता को बाहर और मां के बेडरूम में रोज नएनए अंकल को सोते हुए देखा करती थी. धीरेधीरे उसे सच्चाई समझ में आने लगी तो मां से नफरत करने की बजाएं वह पिता से नफरत करने लगी.



एक दिन रोहिणी की मुलाकात अवनी के काॅलेज के वार्षिक समारोह में सुरेंद सिंह से हुई. रोहिणी को जब पता चला कि सुरेंद सिंह की करोड़ों की जायदाद है तो उसने अपने सौंदर्य का ऐसा जादू फेरा कि सुरेंद सिंह उसकी सेक्स अपील से प्रभावित हुए बिना न रह सका. पहली ही मुलाकात में रोहिणी और सुरेंद में दोस्ती हो गई. उसके बाद रोहिणी ने जल्दी ही उसे अपने बेडरूम तक खींच लाई.
रोहिणी के सेक्स क्रिया से इतने प्रभावित हुए कि अपनी सेक्स संतुष्टि के लिए बारबार पेरिस से लंदन आने लगे. इस बीच रोहिणी ने सुरेंद सिंह को थोड़ी सी भी भनक नहीं लगने दी कि उसके पास उनके अलावा भी कोई आता है.

सुरेंद सिंह तो रोहिणी को सिर्फ अपना ही समझ रहा था. इसलिए वह उसके ऊपर लाखों रूपये खर्च कर रहा था. एक दिन सुरेंद सिंह की नजर अवनी पर पड़ी तो उसे देखता ही रह गया. जब से उसकी नजर अवनी पर पड़ी थी वह उसे पाने के लिए ललचाई नजरों से देखने लगा.

इधर अब अवनी भी जवान हो चुकी थी. धीरेधीरे उम्र बढ़ने के साथसाथ उसकी शारीरिक भूख भी बढ़ने लगी थी. मां के साथ रोज नएनए मर्द को देखकर उसके तन बदन में भी खून की गर्मी जोर मारने लगती. ऐसे में जब सुरेंद सिंह के नजरों को समझने लगी तो उसने एक दिन मौका देखकर सुरेंद सिंह को अपने बिस्तर तक ले आई. इतना ही नहीं उसने पहली बार में ही अपने साल भर की काॅलेज फीस भी वसूल ली. रोहिणी को जब यह पता चला तो उसे गुस्सा होने की बजाएं अपनी बेटी की काबलियत पर गर्व महसूस करने लगी.

इसके बाद मां बेटी दोनों मिलकर सुरेंद सिंह से बिस्तर शेयर करने लगे. सुरेंद सिंह दोनों मां बेटी पर भरपूर पैसा लुटाने लगा. कभीकभी तो वह दोनों को साथ लेकर ऐश करता था. अब वह दोनों मां बेटी के साथ विदेशों के भी चक्कर लगाने लगा. कभी रोहिणी को तो कभी अवनी को और कभीकभी दोनों को साथ लेकर मौज मस्ती के लिए विदेश भी चला जाता था. जिससे उनके सेक्स खेल में कोई दखलअंदाजी न हो. वह होटल के रजिस्टर में रोहिणी को पत्नी और अवनी को अपनी बेटी बताकर कमरा बुक करवाता था. इसलिए कभी किसी को उन तीनों के रिश्ते के बारे में कोई शक नहीं हुआ.


अवनी को धीरेधीरे सुरेंद सिंह की संपत्ति के बारे में जानकारी होने लगी थी. उसके मन में लालच आ गया. वह अपनी मां से भी अधिक महत्वाकांक्षी थी. इसके अलावा उसने अनुमान लगा लिया था कि पचास साल का सुरेंद सिंह अब अपने जवानी के अंतिम दौर में था. वह मुश्किल से चार पांच साल और उस पर पैसे लुटाएंगा. उसके बाद जब उसका शरीर ही साथ नहीं देंगा तो वह क्यों उसके पास आएगा. उसके बाद भविष्य में शायद ही कोई ऐसा रईस मिले जो उस पर लाखों रूपये लुटाने के लिए तैयार हो. इसलिए उसने सुरेंद सिंह की जायदाद में से पेरिस की वह जमीन हड़पने की योजना बनाई जिसे बेचकर अवनी और उसके बाद आने वाली एक दो पीढ़ी आराम से बैठकर खा सकती थी.


अवनी ने यह बात जब अपनी मां को बताई तो वह भी बेटी का साथ देने के लिए उसकी योजना में शामिल हो गई. एक दिन मां बेटी ने शराब और शबाब का ऐसा जल्बा दिखाया कि सुरेंद सिंह अपना होशो हवास खो बैठा. नशे की हालत में मां बेटी ने धोखे से लंदन की उस जमीन की पावर आॅफ अटर्नी अपने नाम लिखवा ली.
पावर आॅफ अटर्नी अपने नाम लिखवाने के बाद मां बेटी उस जमीन को बेचने के लिए ग्राहक ढुंढ़ने लगी. इस बीच सुरेंद सिंह को भी किसी से पता चला कि कोई उनकी जमीन को बेचने की कोशिश कर रहा है. लेकिन वह कौन है यह बात उसे पता नहीं चल पाई थी. सुरेंद सिंह ने पता लगाने की कोशिश की लेकिन कुछ पता न चल सका.

करोड़ों की जमीन किसी दूसरे के द्वारा बेचे जाने की खबर मिली तब से वह परेशान रहने लगा. अब उसका लंदन आना भी कम हो गया. यही नहीं, कई बार वह अवनी और रोहिणी के फोन भी अटैंड नहीं करता था. इससे दोनों मां बेटी को यह बात समझ में आ गई कि जब तक सुरेंद सिंह जिंदा है तब तक वह उस जमीन को नहीं बेच सकते है. इसलिए दोनों ने मिलकर उसे रास्ते से हटाने की योजना बना डाली.
घटना वाले दिन रोहिणी और अवनी सुरेंद सिंह के आने का इंतजार कर रही थी. काफी रात हो चुकी थी, तभी उन्हें बाहर सुरेंद सिंह के गाड़ी का हार्न सुनाई दिया. हार्न की आवाज सुनकर अवनी जो अब तक बेसब्री से सोफे पर बैठी थी, बेफिक्री का भाव दिखाते हुए सोफे पर ही लेट गई.
रोहिणी उठकर किचन में चली गई और किचन में व्यस्त होने का दिखावा करते हुए बर्तन को इधर से उधर रखने लगी. फ्लैट का दरवाजा पहले से ही खुला था. इसलिए गाड़ी पार्क करने के बाद सुरेंद सिंह दरवाजा खोलकर सीधे कमरे में चला आया.

उसे देखकर अवनी ने उठकर अंगड़ाई लेने का नाटक करते हुए आवाज में पूरी मिठास घोलकर उसकी ओर बांहे फैलाते हुए बोली, बहुत देर कर दी आने में. आपका इतंजार करते करते मेरी तो जान ही निकल गई.’’
सुरेंद सिंह आगे बढ़कर उसकी बांहों में समाते हुए बोला, ‘‘अब तो मैं आ गया हूं मेरी जान, तुम्हारी सारी शिकायते दूर कर दूंगा.’’

अवनी सुरेंद को लेकर बेडरूम की तरफ चली गई. उसने ड्रग्स के साथसाथ सुरेंद सिंह को नींद की गोलियां भी खिला दी. जब सुरेंद सिंह वापस पेरिस जाने लगा तो नींद की वजह से उसकी हालत कार चलाने लायक नहीं थी. अवनी और रोहिणी ने उसे पेरिस तक छोड़ देने की बात कहीं थी. इस पर सुरेंद सिंह राजी हो गया.
कार के ड्राइविंग सीट पर अवनी और उसके पास वाली सीट पर सुरेंद सिंह बैठ गया. रोहिणी कार के पीछे बैठ गई. लगभग एक घंटे बाद जब सुरेंद सिंह पूरी तरह से नींद की आगोश में चला गया तो अवनी ने कार को हाईवे से कुछ दूर ले जाकर कार रोक दिया. उसने सुरेंद सिंह के दोनों हाथों की नसों को चाकू से काट दिया, जिससे खून बहने लगा. इस के बाद दोनों मां बेटी वहां से वापस लंदन आ गए. हड़बड़ी में अवनी अपना दुपट्टा कार में ही भूल आई, जिससे दोनों पुलिस की गिरफ्त में आ गए.

रोहिणी और अवनी ने जब अपने सामने इंस्पेक्टर माइकल को देखा तो दोनों के चेहरे के रंग उड़ गए. इसके बावजूद दोनों मां बेटी काफी देर तक गुमराह करती रही. माइकल ने पहले तो कुछ नहीं कहा, लेकिन जब उनके बर्दास्त की सीमा पार होने लगी तो उन्होंने सारे सबूत उनके सामने रख दिए जो उन्हें अपराधी होने की ओर संकेत करने के लिए काफी थे. रोहिणी और अवनी सपने में भी नहीं सोचा था कि दोनों इस तरह से पुलिस के हाथ लग जाएगी.
इंस्पेक्टर माइकल के पास अपने खिलाफ सबूत देखकर दोनों ने अपना अपराध कबूल करने में ही भलाई समझी.

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