Today and tomorrow : मामूली सी बात पर उसने घर के पांच सदस्यों का कत्ल कर दिया. जानें क्यों?



Crime Story : एक ही परिवार के पांच लोगों का कत्ल


 सुबह का वक्त था. रोजाना की तरह उस दिन भी दूधवाला दूध देने के लिए रामबाबू के घर पहुंचा. कई बार डोरबेल बजाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो वह परेशान हो उठा. तभी उसकी नजर दरवाजे पर गई, उस पर ताला लगा हुआ था. दूधवाला सोच में पड़ गया, ‘घर के सभी लोग कहीं जाते है तो उसे बताते है.’ उनके किरायेदार के कमरे पर भी ताला लगा हुआ था.

उसने आसपास के लोगों से रामबाबू के परिवार वालों के बारे में पूछा तो उन्हें भी बड़ा अजीब लगा. क्योंकि रात तक उन्होंने बच्चों को घर में देखा था. अलबता आसपास के लोगों को पता था कि रामबाबू घर पर नहीं है. वे अपनी पत्नी को लेकर सिंहस्थ स्नान के लिए गए है लेकिन घर में बहू और बच्चे मौजूद थे. फिर रातों रात पूरा परिवार कैसे गायब हो गया. घर में नीचे रहने वाले किरायेदार भी नहीं था. किरायेदार एक फौजी है. फौजी शहर के बाहर पोस्टिग पर था उसकी पत्नी अपने मायके गयी हुई थी.

आसपास के लोग रामबाबू के मकान के सामने जमा होने लगे. कुछ लोगों ने दरवाजा खोलकर अंदर झांकना चाहा, इस पर कुछ लोगों ने मना किया. उनका कहना था, यदि अंदर कुछ गड़बड़ी हुई तो सारा मामला दरवाजा खोलने वाले के सिर पर आ सकता है. कुछ लोग दरवाजे व खिड़की से अंदर झांकने की कोशिश की तो कईयों ने कान लगाकर अंदर की आवाज सुनने की कोशिश की, पर उन्हें कोई सफलता नहीं मिली. कुल मिलाकर दरवाजा न खुलने पर लोगों में कई तरह के शक पैदा हो रहा था. 

पड़ोसियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. सूचना पाते ही पुलिस वहां पहुंच गई. उन्होंने सबसे पहले दरवाजे का ताला तोड़ने के पहले इसका पंचनामा बनाया. फिर ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया. अंदर का नजारा देखकर दंग रह गए. अंदर कमरे में कई लाशें खून से सनी पड़ी थी. कमरे के फर्श पर खून ही खून दिखाई दे रहा था. कमरे में लाश की संख्या 5 थी. कातिल ने बड़ी बेरहमी से उनका कत्ल किया था. कमरे के अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा था. इससे यह लग रहा था. लूटपाट करने वाले डकैत घर के अंदर घुसे थे. मृतकों की पहचान रामबाबू की पुत्र वधु रीना, रीना की बेटी छवि, रीना के जेठ की बेटी महिमा, भाई की बेटी अंबिका, ममेरे भाई के बेटे गोलू के रूप में हुई. इस परिवार में इनके अलावा रीना के ससुर रामबाबू तथा उनकी पत्नी रहते थे. 

एक ही परिवार के पांच लोगों की उनके ही घर में हत्या की बात पूरे शहर में आग की तरह फैल गई. पहली नजर में मामला डकैती और हत्या का लगा. लेकिन पुलिस को इस बात का भी शक था कि शुक्ला परिवार उतने धनवान नहीं थे कि उनके यहां डकैत डकैती डालने आए और पांच लोगों की हत्या कर दें. मृतक में सिर्फ रीना ही बालिग थी और सब नाबालिग थे. घटनास्थल पर देखने पर पता चल रहा था कि हत्यारे ने हत्या के बाद कमरे में सामान इस तरह से फैलाया था जैसे मामला लूटपाट और डकैती का लगे. ऐसा भी लग रहा था कि हत्यारा हत्या के बाद किसी खास चीज़ों को ढुढ़ने की कोशिश की थी. जांच में पता चला रीना का मोबाइल गायब था. जब डकैत डकैती करने आये थे तो जाते-जाते रीना का मोबाइल क्यों ले गए? पुलिस के शक की सुई मोबाइल पर जा अटकी. पुलिस ने रीना के काल डिटेल निकलवायी तो चैक गए. पिछले 2 महिनों में रीना के मोबाइल पर एक ही नंबर से 310 काॅल हुए थे. हर काॅल 20-30 मिनट के थे.



इस बीच पुलिस के पास मृतकों के पोस्मार्टम रिपोर्ट आ गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी साधारण चाकू (घर में सब्जी काटने वाला) से हत्या की बात लिखी थी. हत्या का समय 12 से 2 बज के बीच का बताया गया था. साधारण चाकू से हत्या की बात सामने आने पर यह स्पष्ट हो रहा था कि हत्यारा पेशेवर नहीं है. यानी लूटपाट या डकैती करने वालो ने यह हत्या नहीं की है. न ही हत्यारा पूरी तैयारी से हत्या के मकशद से वहां पहुंचा था. इसका मतलब शुक्ला परिवार के किसी पहचान वाले ने ही परिवार के मुखिया की अनुपस्थिति में घर में घुस कर परिवार के सारे सदस्यों की हत्या कर दी. सवाल यह था कि परिवार के सभी सदस्यों की हत्या करके किसको फायदा होने वाला था? पुलिस किसी खास मुकाम पर पहुंच नहीं पा रही थी.

रामबाबू घर पहुंच चुके थे. वे काफी गमगीन थे. पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया आज तक उनकी किसी से दुश्मनी नहीं रही. न ही उनके परिवार वालो या अन्य किसी व्यक्ति से. रामबाबू से कि गई पूछताछ में भी पुलिस को कोई क्लू नहीं मिला. पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने पांचों बाॅडी रामबाबू को सौंप दिया. अंत्यष्टि में कुछ पुलिस के अधिकार व जवान सादे भेष में शामिल थे. उनकी निगाह अंत्येष्टि में शामिल 21 वर्षीय नौजवान पर थी. जैसे ही चिता जलाकर सभी लौटने लगे पुलिस ने उस नौजवान को अपनी गिरफ्त में ले लिया और पुलिस स्टेशन लाकर उससे पूछताछ शुरू कर दी. पुलिस ने रीना के काॅल डिटेल का जो डाटा निकाला था वह इसी नौजवान का था. रीना और इसी नौजवान के बीच घंटों बातें होती रहती थी. वह सिमकार्ड नौजवान जिसका नाम नितेश उर्फ समीर की मां के नाम से लिया गया था. जिसका इस्तेमाल समीर ही करता था. पूछताछ में समीर पुलिस को यहां वहां की बातों से घुमाता रहा. पुलिस ने जब कड़ा रूख अपनाया तो उसने पांचों हत्या की बात कबूल ली. हत्या के बारे में जो बात बतायी वह काफी चांैकाने वाली थी. मामूली सी बात पर उसने घर के पांच सदस्यों का कत्ल कर दिया. समीर द्वारा पुलिस को दिए गई बयान के आधार पर इस हत्याकांड की कहानी कुछ इस तरह से बनी.  



समीर पिछले कुछ समय से रामबाबू के घर पर बच्चों को टियुशन पढ़ाता था. टियुशन पढ़ाने के लिए आते-जाते समीर कि निगाह एक दिन रीना पर पड़ी तो वह देखता रह गया. वह मन नही मन उससे प्यार करने लगा. हालांकि उसके और रीना के बीच उम्र का काफी फासला था. नितेश मात्र 21 साल का था और रीना 40 साल की एक बच्चे की मां थी. वह विधवा थी. उसके पति की मृत्यु कुछ साल पहले हो चुकी थी. इन सब के बावजूद समीर उसे चाहने लगा था. वह किसी भी तरह से रीना का प्यार पाना चाहता था. इधर रीना की उम्र  मात्र 40 की थी. 

पति की मृत्यु के बाद वह भी पुरूष का सानिध्य पाने की इच्छुक थी. वह भी उसे चाहने लगी. आखिर दोनों नजदीक आ गए. दोनों छुपछुप कर गुफ्तगु करने लगे. घर परिवार भरा पूरा था. ऐसे में संबंध बनाने का मौका मिलना मुश्किल था. समीर ने इसका रास्ता निकाल लिया. वह नर्सिग की पढ़ाई कर रहा था. उसे नींद की दवा के बारे में जानकारी थी. वह अपने पहचान वाले मेडिकल स्टोर से नींद की दवा ले आया. जब भी दोनों को मिलने की इच्छा होती रीना खाने में नींद की दवा मिला कर पूरे परिवार को सूला देती थी. समीर जब रीना से दूर होता उस वक्त मोबाइल फोन पर बातें करके दोनों अपने दिल की बहला लेते थे. यह सिलसिला पिछले कुछ समय से चल रहा था. दोनों के प्यार की जो खिंचड़ी पक रही थी इस बारे में घर परिवार में किसी को भनक तक नहीं लगी थी. एक तो पूरा परिवार दोनों पर काफी विश्वास करता था, दुसरी बात दोनों काफी समझदारी से प्यार की पेंग बढ़ा रहे थे. अब तक सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन उस रात मानो रिश्तांे का इम्तिहान था.

रामबाबू अपनी पत्नी के साथ रिश्तेदारी में गए हुए थे. उस रात प्रेमिका ने प्रेमी को घर पर बुला लिया ताकि खुलकर मजा ले सकें. लगभग साढ़े 12 बजे समीर वहां पहुंचा. उस वक्त घर के सभी सदस्य खाना खाकर सो चुके थे. दोनों बेफिक्र होकर कमरे में आनंद की दुनिया में एक-दूसरे में खोए हुए थे, तभी गोलू वहां पहुंच गया. उसने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया. प्रेमिका घबरा गई, लेकिन मजे में खलल डालने की वजह से प्रेमी का गोलू के प्रति गुस्सा उबल पड़ा. उसने उसे जोरदार डांट लगायी. प्रेमी और प्रेमिका की नजरे मिली और दोनांे के बीच बिना शब्दों के ही एक घिनौना योजना ने रूप लेना शुरू कर दिया.

प्रेमी बिस्तर से उठा उसने मासूम को पकड़ा और प्रेमिका ने उसके मंुह में कपड़ा ठूंस दिया. प्रेमी ने उस मासूम के हाथ बांध दिए. उसने किचन से सब्जी काटने वाला चाकू लाया और मासूम का गला रेत दिया. चारों ओर खून फैल गया. यह देखकर प्रेमिका के हाथ पैर ठंडे पड़ने लगे, पर वह अब क्या कर सकती थी. गोलू की हत्या के बाद दोनों उसकी लाश को छुपाने की कोशिश कर रहे थे कि इतने में कमरे में गोलू की चीख सुनकर अंदर कमरे में सो रही अंबिका और महिमा भी जाग गई. दोनों उठ कर चीख की दिशा में चलते हुए उनके कमरे में आ गई. उन्होंने आरोपियों को गोलू की लाश के साथ देख लिया. उसके मुंह से चीख निकल आयी. वह वहां से भागना चाह रही थी इस पर प्रेमिका ने एक बार फिर अपने प्रेमी को इशारा किया और प्रेमी ने दौड़ कर दोनों मासूम को पकड़ा और बिना किसी गुनाह के उन्हंे भी मौत के घाट उतार दिया.



अब घर में प्रेमी-प्रेमिका सहित तीन लोग जिंदा बचे थे. जिनमें से रीना की बच्ची छवि कमरे में सो रही थी. प्रेमी-प्रेमिका दोनों काफी घबराए और परेशान थे. उनके हाथों तीन बच्चों की हत्या हो चुकी थी. इस बीच अचानक छवि की नींद खुल गई. वह उठकर कमरे के बाहर आयी. प्रेमिका की बच्ची मां-मां करके जोर-जोर से रोने लगी. समीर पर कत्ल करने का जुनून सवार था. वह गुस्से से कमरे की ओर बढ़ा. प्रेमिका को यह मंजूर नहीं था. उसे अपनी फूल सी प्यारी बच्ची सबसे ज्यादा प्यारी थी. जैसे ही अंकुश, छवि की हत्या करने पहुंचा, रीना का मातृत्व जाग उठा. वह अपनी बच्ची को बचाने के लिए लपकी, उसने समीर से छवि को न मारने के लिए कहा, पर उस पर खून सवार था. वह खुद को बचाना चाहता था. वह नहीं चाहता था कि कल यह छोटी सी बच्ची उसके लिए मुसिबत खड़ी करे. समीर ने प्रेमिका को बच्ची के पास पहुंचने से पहले ही झटका देकर दूर कर दिया और तेजी से आगे बढ़ कर बेटी के गले पर चाकू चला कर एक ही झटके में रेत दिया.

प्रेमी का आखरी वार प्रेमिका को बर्दाश्त नहीं हुआ. उसने तेज स्वर में धमकी देते हुए सबके सामने पूरी सच्चाई बताने का फैसला किया. यह सुनकर प्रेमी भड़क गया. जिस बात को छुपाने के लिए वह चार हत्याएं कर चुका था इसके लिए वह एक और कत्ल करने के लिए कहा पीछे हटने वाला था. कभी प्रेमिका को गुलाब देने वाले हाथों में आज धारदार चाकू था. उसने बिना मुररबत किए बड़ी बेरहमी से प्रेमिका का भी कत्ल कर दिया.

प्रेमिका की चीख के साथ सारे कमरे में सन्नाटा छा गया था. सन्नाटे की आवाज भी उसके कानों में जैसे गूंज रही थी. प्रेमी ने कमरे में पड़ी पांच लाशों को देखा तो हाथ से चाकू छूट कर गिर गया. वह भी सिर पकड़ कर बैठ गया. अब क्या होगा? कुछ देर तक वह चुपचाप बैठा रहा. फिर जल्दी से उठा. कमरे में सभी सामानों को अस्तव्यस्त किया और इसके बाद वह कुछ ढुढ़ने लगा. आखिर में उसे रीना का मोबाइल मिल गया था. रीना का मोबाइल और चाकू लेकर वहां से चला गया. जाते-जाते उसने दरवाजे पर ताला लगा दिया. करीब डेढ़ घंटे में पूरी वारदात को अंजाम देने के बाद समीर वहां से फरार हो गया. मोबाइल से उसने सारी काॅल डिलीट कर दिया था. इसके बाद वह मृतकों की अंत्येष्टि में भी शामिल हुआ था.
(कथा काल्पनिकता पर आधारित)
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