Bimari Ke Red Signal | बीमारियों के रेड सिग्नल
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Bimari Ke Red Signal | बीमारियों के रेड सिग्नल
शरीर में दिखाई देने वाले तकलीफों व लक्षणों को साधारण बात समझ कर नज़र अंदाज नहीं करनी चाहिए। छोटे-छोटे लक्षण शरीर में गंभीर बीमारियों के संकेत हो सकते है। किसी भी लक्षण के प्रति गंभीर होना चाहिए। इन्हें तुरंत अपने डाॅक्टर को बताना चाहिए। जिससे समस रहते उसका इलाज करवा कर परेशानियों से बच सकें।
दर्द:-
1 शरीर के किसी भी दर्द होने पर सावधान हो जाना चाहिए। छाती के हड्डी के नीचे दर्द होने पर पेट के रोग, गैस, हड्डी के विकार, कमजोरी, फेफड़ों के रोग का संकेत है।2 हृदय शूल अथवा सीने में दर्द हृदय रोग व धमनियों की परेशानी के लक्षण है।
3 दिल के सामने वाले हिस्से में दर्द होने पर अजीर्ण, पेट की गैस, हृदय की तकलीफ, फेफड़ों की समस्या हो सकती है।
4 पेट की निचले हिस्से में तेज दर्द अपेण्डिसाइटिस, लीवन में सूजन, पित्त, पथरी, प्लूरिसी, न्यूमोनिया नामक रोग का संकेत है।
5 पेट के उपरी हिस्से में दर्द अल्सर की बीमारी हो सकती है।
6 सिर में तेज दर्द, मस्तिष्क व आंखों संबंधी बीमारी, पेट की खराबी, रक्त की कमी, तनाव, ब्लडप्रेशर आदि बीमारी का संकेत है।
7 गर्दन दर्द, स्पोनडोलाइटिस्ट, ब्लडप्रेशर बढ़ने का संकेत हैं
8 मूत्र संस्थान में दर्द, मूत्रांग संबंधी विकार, यौन रोग, गुदा रोग का संकेत हो सकता है।
9 कंधे और हाथों में दर्द, हृदय रोग, ब्लडप्रेशर की संभावना हो सकती है।
10 गुदा मार्ग मंे दर्द, बवासीर, भगन्दर, प्रोटेस्टेट ग्लैंड में सूजन की शिकायत हो सकती है।
11 पेट में दर्द होने पर बदहजमी, पेचिस, एसिडिटी आदि की शिकायत हो सकती है।
12 स्तन में दर्द, स्तन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर हो सकता है।
13 नाभि के हिस्से में दर्द होने पर न्यूमोनिया, रीढ़ के हड्डी का दर्द, क्रीमी की शिकायत, पेचिस आदि हो सकता है।
14 जांघ में दर्द होने पर डिंब ग्रंथियों के विकार, गर्भाशय की समस्या हो सकती है।
रक्तस्त्राव:-
1 नाक से खून आना, नाक या मस्तिष्क पर चोट संबंधी बीमारी, गरमी लगना, मस्तिष्क में रसौली आदि की समस्या हो सकती है।2 मुंह से खूना आना - पेट, फेफड़े, आहार नली की बीमारी, अल्सर, टीबी की शिकायत की संभावना।
3 मलद्वार से खून आना - बवासीर, पेट में अल्सर, अतड़ियों का कैंसर आदि की संभावना।
4 मूत्रमार्ग से खूना आना - मूत्रांग की तकलीफ, मूत्र नली, किडनी में संक्रमण आदि की शिकायत हो सकती है।
5 योनिद्वार से खून आना - गर्भाशय का कैंसर, फब्राइइड, योनिमार्ग में इन्फैक्शन, वेजाइना ड्राईनेस, अधिक मैथुन आदि
तेज बुखार:-
1 मौसमी बुखार - बुखार का संक्रमण आदि का संकेत हो सकता है।2 वायरल फीवर - मलेरिया, काला ज्वर, चिकन गुनिया आदि हो सकता है।
3 मूत्रमार्ग में इन्फैक्शन, सिर में इन्फैक्शन होने से भी तेज बुखार आता है।
4 कान की तकलीफ में भी बुखार आ जाता है।
5 मस्तिष्क ज्वर में तेज बुखार के साथ सिर में अधिक तेज दर्द होता है।
6 थोड़ा हल्का बुखार बनें रहने पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता हैं। यह टीबी के लक्षण हो सकते है।
7 मूत्रमार्ग में किसी प्रकार का संक्रमण होने पर भी हल्का बुखार रहता है।
सांस लेने में तकलीफ:-
1 अस्थामा की शिकायत होने पर सांस फूलने लगती है।2 फेफड़ों की कमजोरी, इन्फैक्शन, फेफड़ों में पानी भरना जैसी शिकायत हो सकती है।
3 रक्त की कमी, अधिक कमजोरी, बढ़ती उम्र की वज़ह से तकलीफ हो सकती है।
4 हृदय वेग की समस्या होने पर भी सांस लेने में तकलीफ होती है।
पेशाब में तकलीफ:-
1 वृक्कों या गुर्दो के क्षतिग्रस्त होने पर या उनमें गंभीर संक्रमण होने पर पेशाब उतरने में परेशानी होती है।2 मूत्र मार्ग व मूत्रांग में किसी प्रकार का संक्रमण होने पर पेशाब में जलन व तकलीफ होती है।
3 पथरी की शिकायत होने पर पेशाब के वक्त तकलीफ होती है।
4 शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) होने से भी पेशाब निकलने में परेशानी होती है।
खांसी की तकलीफ:-
1 लगातार खांसी रहने पर टीबी की जांच करवाना चाहिए।2 नाक, गले, फेफड़े, श्वास नली में संक्रमण होने पर खांसी की तकलीफ हो सकती है।
3 टाॅन्सिल की शिकायत होने पर भी लगातार खांसी बनी रहती है।
4 फेफड़े में कब्ज़ जमना, अस्थामा या एलर्जी की शिकायत होनेपर भी लगातार खांसी हो सकती है।
5 फेफड़े, आहार नली, गले का कैंसर होने पर खांसी की तकलीफ होती है।
कमजोरी:-
1 शरीर में खून की कमी से कमजोरी आती है।2 डायबिटीज की शिकायत होने पर कमजोरी महसूस होती है।
3 हृदयरोग, ब्लडप्रेशर, किडनी की तकलीफ होने पर कमजोरी लगने लगती है।
4 मस्तिष्क में किसी प्रकार की समस्या, मानसिक रोग में शरीर में कमजोरी लगने लगती है।
5 शरीर में पानी की कमी हो जाने पर कमजोरी लगती है।
6 कैंसर या अनजानी बीमारी के प्रभाव से भी शरीर में कमजोरी लगने लगती हैं।
7 किसी बात का भय समा जाने पर शरीर कमजोर लगने लगती है।