Sperm Theft : Story of semen theft and thief arrest | Crime Story in hindi

Story of semen theft and thief arrest
Story of semen theft and thief arrest


वीर्य की चोरी और चोर के गिरफ्तारी की कहानी सुनकर हो जाएंगे हैरान

Sperm Theft : Story Of Semen Theft And Thief Arrest


सोना-चांदी, हीरे-मोती, कीमती वस्तु की चोरी के बारे में हर किसी ने सुनी होगी. कुछ समय पहले मुबंई पुलिस ने वीर्य की चोरी के इल्जाम में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 101 वीर्य के बोतल के साथ दो चोरों को गिरफ्तार किया. वीर्य की चोरी और चोर के गिरफ्तार होने की कहानी कुछ इस प्रकार थी.

डाक्टर मिंटो (काल्पनिक नाम) का सीमेन बैंक (वीर्य बैंक) था. यह सीमेन बैंक जिनके बच्चे पैदा नहीं होते उनके लिए वरदान था. इनके पास दूर-दूर से ऐसे मरीज आते है जिन्हें बच्चे पैदा नहीं होते है. दुसरे ऐसे पुरूष भी आते हैं जो हिष्ट-पुष्ट है और वे अपना वीर्य दान करते थे. उन्हें अच्छे पैसे मिलते थे. वीर्य बैंक में रखे बोतल वीर्य का इस्तेमाल कृत्रिम गर्भधारण करने के लिए किया जाता था. डाक्टर मिंटो वीर्य को लेने के बाद उसकी अच्छे से जांच करते थे. जांच के बाद अच्छे, स्वस्थ, पुष्ट वीर्य को अपने बैंक में रखते थे. इसे वीर्य सैम्पल कहा जाता हैं. डाक्टर मिंटो  का महाराष्ट्र में ही नहीं पूरे देश व विदेशों तक में नाम था.

उनके यहां के वीर्य की मांग अनेक डाक्टर द्वारा भी की जाती थी. डाक्टर मिंटो  उन्हें वीर्य के सैम्पल भेंजवा दिया करते थे. इसके बदले में मिंटो  को अच्छे पेमेंट मिलता था. अस्पताल में डाक्टर द्वारा मिंटो  के यहां के वीर्य का इस्तेमाल कृत्रिम गर्भाधान के लिए किया जाता था.

मुंबई के बोरीवली स्थित डा. सोलंकी (काल्पनिक नाम) के अस्पताल में सुबह-सुबह एक व्यक्ति आया. उसने डा. सोलंकी को बताया कि वह डाक्टर मिंटो  के यहां से आया हैं. डाक्टर साहब ने उनके लिए खास वीर्य के सैम्पल भेंजे हैं.

डा. सोलंकी ने कहा, ‘‘मैंने तो वीर्य के सैम्पल नहीं बुलवाये थे. फिर उन्होंने यह सैम्पल क्यों भेंजे?’’
उस व्यक्ति ने डा. सोलंकी से रिक्वैस्ट करते हुये कहां, ‘‘डाक्टर साहब को कुछ अच्छे वीर्य के सैम्पल मिले थे. इसलिए वह सैम्पल खास कर आपके पास भेंजवाया हैं.’’

डा. सोलंकी अक्सर रविवार को अस्पताल में नहीं आते हैं. उनका अस्पताल रविवार के दिन बंद होता हैं. अचानक किसी काम से वे अस्पताल में चले आये थे. अभी अस्पताल में बैठे थे कि वीर्य के सैम्पल लेकर वह व्यक्ति आ गया.

वह व्यक्ति जिस तरह से रिक्वैस्ट कर रहा था. इससे डा. सोलंकी को कुछ शक हुआ. उन्होंने वीर्य के सैम्पल लाने वाले से कहां, ‘‘मुझे मेल चेक करना है, प्लीज थोड़ी देर के लिए बाहर बैठ जाएं’’

‘‘नो प्राब्लम सर.’’ कहकर वह व्यक्ति डाक्टर के चैम्बर में से बाहर आ गया. उस व्यक्ति के बाहर जाने के बाद डा. सोलंकी ने डाक्टर मिंटो को फोन किया और कहा, ‘‘मैंने आपको वीर्य का सैम्पल भेंजने का आर्डर नहीं दिया था फिर आपने 101 वीर्य के सैम्पल क्यों भेंजवाया हैं?’’

डा. सोलंकी की बात सुनकर डाक्टर मिंटो को बड़ा आश्चर्य हुआ. वीर्य का सैम्पल लेकर उन्होंने किसी को डा. सोलंकी के पास नहीं भेंजवाया था. तब कौन सैम्पल लेकर डा. सोलंकी कें पहुंच गया. मामला कुछ गड़बड़ है. उन्होंने डा. सोलंकी से कहां, ‘‘मैंने आपके यहां वीर्य का सैम्पल तो भेंजा ही नहीं हैं. मुझे मामला कुछ गड़बड़ लग रहा है. आप उस व्यक्ति को बैठाकर रखें मैं अपने लैब में फोन करके पता लगाता हूं.’’


इतना कहकर डाक्टर मिंटो ने फोन काट दिया और उन्होंने तुरंत अपने लैब में फोन किया और वीर्य के सैम्पल की संख्या के बारे में पता किया. वीर्य बैंक के मैंनेजर ने सैम्पल की गिनती कर बताया कि लैब से अच्छे किस्म के 101 वीर्य के सैम्पल गायब हैं.

डाक्टर मिंटो ने इस बात की जानकारी फोन द्वारा तुरंत डा. सोलंकी को दे दी. डा. सोलंकी ने अपने एक दोस्त को अस्पताल में फोन करके बुलवाया. उन्होंने एक व्यक्ति द्वारा वीर्य के सैम्पल की चोरी करके लाने की सारी बात बतायी. उन्होंने अपने मित्र को बताया वह व्यक्ति बाहर बैठा हुआ है. डा. सोलंकी को उनके दोस्त ने कहा, अब वह देर न करे इसकी शिकायत पुलिस में कर दें.

डाक्टर मिंटो ने अपने दोस्त की बात मानते हुए तुरंत इसकी सूचना बोरीवली पुलिस को दे दी. बोरीवली पुलिस तुरंत डाक्टर मिंटो के अस्पताल पर पहुंच कर उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और वीर्य के सैम्पल को जब्त कर लिया.

उधर डाक्टर मिंटो ने 101 वीर्य सैम्पल के चारी की शिकायत अपने शहर के पुलिस स्टेशन में कर दी. डाक्टर मिंटो ने पुलिस को बताया, ‘‘उनके यहां से कोई व्यक्ति वीर्य के सैम्पल को चुराकर ले गया. वह मुंबई के बोरीवली स्थित डा. सोलंकी के यहां वीर्य के सैम्पल को बेचने की कोशिश कर रहा था. तब इस बारे में उन्हें पता चला.’’

इधर बोरीवली पुलिस ने वीर्य के सैम्पल के चोर को गिरफ्तार कर लेने की सूचना डाक्टर मिंटो के शहर के पुलिस को भेंजवा दी. अगले दिन डाक्टर मिंटो के शहर की पुलिस मुबंई पहुंच कर वीर्य सैम्पल की चोरी करने वाले व्यक्ति अपने कब्जे में ले लिया.

डाक्टर मिंटो लंबे समय से अपने शहर में क्रायोबैंक लैबोटरी नाम से सीमेन बैंक है. इस सीमेन बैंक में छः कर्मचारी काम करते हैं. जिसमें सीमेन बैंक मैंनेंजर, लैब टेक्नीशियन, अन्य कर्मचारी, वाॅचमैन थे.
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यहां एच्छिक वीर्यदाता वीर्य दान करने के लिए आते हैं. एक बार में जितने वीर्य निकलते हैं उसे एक बाॅटल में जमा कर लिया जाता हैं. इसके बाद वीर्य का खास टेस्ट किया जाता हैं. वीर्य के टेस्ट करने के बाद अच्छे वीर्य को रख लिया जाता है और खराब वीर्य को नष्ट कर दिया जाता हैं.

वीर्य का बाॅटल पर नंबर देकर उसके सारे रेकार्ड कम्पुटर में फीड कर दिया जाता हैं. वीर्य के टेस्ट में बहुत सारी बातें मालूम पड़ जाती है।. उन बातों को भी रेकार्ड कर लिया जाता हैं. इसके बाद वीर्य को नाइट्रोजन के फ्रीज में रख दिया जाता है वीर्य तीन माह तक सुरक्षित रहता हैं. इसके बाद यह बेकार हो जाता हैं. तब इन्हें नष्ट कर दिया जाता है. वीर्य के बनाएं गए गोपनीय रिपोर्ट के बारे में उनके और जिस डाक्टर को भेंजा जा रहा हैं उन दोनों के अलावा किसी को पता नहीं होता हैं. एक बाॅटल वीर्य सैम्पल की कीमत हजारों में होती थी. इस हिसाब से 101 बाटल वीर्य सैम्पल की कीमत लाखों में हो रही थी.

मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार व्यक्ति ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने क्रायोबैंक लैबे्रटरी से यह वीर्य के सैम्पल चुराये हैं. इन सैम्पल को चुराने में उसके भाई ने भी मदद की हैं.


गिरफ्तार व्यक्ति पहले डाक्टर मिंटो के यहां काम करता था. वहां काम करते करते उसे वीर्य के सैम्पल बनाने और रिपोर्ट तैयार करने का आइडिया हो गया था. वह व्यक्ति अपने काम पर ध्यान देने की बजाए वीर्य के सैम्पल बनाने व उसके मार्केटिंग में अधिक रूचि लेता था.

डाक्टर मिंटो को यह बात पसंद नहीं आयी. उन्होंने उस व्यक्ति को कुछ दिन पहले अपने यहां से काम से निकाल दिया था. काम से निकाल देने के बाद वह बेरोजगार होग गया. अनेक जगह पर काम की तलारूा की पर कोई काम नहीं मिला. जब लंबे समय तक उसे कोई दुसरा काम नहीं मिला. तब उसने वीर्य के सैम्पल तैयार कर बेंचने का काम शुरू करने का मन बनाया. इसके लिए उसने अपने भाई मदद ली. वह भी बेरोजगार था. उसे यह काम पसंद आया. दोनों भाई शहर के महाविद्यालय में घुम-घुम कर वहां पढ़ने वाले छात्रों से मिलते और उनसे वीर्य की मांग करते. इसके बदले उन्हें अच्छा पैसा देने का वादा करते.

अच्छा पैसा पाने के लालच में युवा वीर्य देने के लिए तैयार हो जाते थे. वे हस्तमैथुन द्वारा वीर्य निकाल कर शीशी में दे देते थे. युवाओं से वीर्य लेने के बाद उसकी जांच करने की बात करते और कुछ घंटे बाद पैसा आकर लेने की बात कहते. कुछ घंअे बाद जब युवक पहुंचता उसे खराब वीर्य होने का बहाना बता कर पैसा नहीं देते. युवा अपना मुंह लटका कर चला जाता.

इसके बाद घर में बैठकर वीर्य की बिना जांच किये झूठी रिपोर्ट तैयार करते और उन्हें लेबल लगाकर वीर्य का सैम्पल बना लेते. घरेलू फ्रीज में ही रख देते. उसे इस बारे में जानकारी थी कि देश के किन-किन स्थानों में डाक्टर मिंटो के यहां से वीर्य के सैम्पल जाते थे. समस्या यह थी कि डाक्टर मिंटो के यहां से जितने भी सैम्पल जाते थे वे आर्डर पर ही जाते थे. ऐसे में किसी भी डाक्टर के यहंा वीर्य के सैम्पल ले जाना बड़ा ही रिस्क था.

दोनों भाईयों ने बैठकर एक प्लान बनाया. उन्होंने क्रायोबैंक से वीर्य के सैम्पल चोरी कर उन सैम्पल के सहारे डाक्टर के पास पहुंचने की कोशिश की. इसमें दो फायदे थे. एक अच्छे और सही रिपोर्ट के साथ उनके बिना टेस्ट वाले बेकार वीर्य भी बिक जाये तथा किसी भी डाक्टर को यह शक नहीं होगा कि इनमे नकली सैम्पल भी है. क्योंकि डाक्टर मिंटो का नाम इस क्षेत्र में अच्छा था.

दोनों भाईयों इस प्लान से देश कई डाक्टरों को नकली सैम्पल सप्लाई देकर अच्छा पैसा कमा लिया. एक वीर्य के सैम्पल की कीमत उन्हें हजारों रूपये मिल जाते थे. एक व्यक्ति मुंबई में रविवार के दिन डाक्टर सोलंकी के यहां पहुंचकर गलती कर बैठा और सीधा जेल पहुंच गया. इस विचित्र चोरी की चर्चा मुबंई के सारे अखबारों में काफी हुयी. लोगों ने इस समाचार को चटकारे लेकर पढ़ा.

What is semen sample (क्या होता है वीर्य सैम्पल) 


अब भारत में भी अन्य देशों की तरह ब्लड बैंक की भांति क्रायोबैंक (वीर्यबैंक) की स्थापना तेजी से हो रही है. रक्तदाता की तरह इन वीर्य बैंक में जवान अपने वीर्य दान करने आते हैं. इन बैंक में शुक्राणुदाता से भी मोलभाव किया जाता है. जितना जवान वीर्यदाता उतना ज्यादा कीमती वीर्य. आमतौर पर वीर्यदाता की उम्र अठारह से वालीस के बीच स्वीकृत की गयी है. इसके अलावा उसकी चिकित्सकीय जांच की जाती है, ताकि प्राप्त शुक्राणु रोगरहित और उच्च गुणवता वाला मिल सके. यही नहीं, श्रेष्ठ आई क्यू यानी बुध्दिमान वीर्यदाता अच्छे दाम पाता है.

वीर्य की गुणवत्ता के लिए अंतरराष्ट्रीय मापदंड निर्धारित है. आमतौर पर पांच सीसी वीर्य में सत्तर मिलियन शुक्राणुओं की संख्यां पायी जाती हेै. अच्छा क्रायोबैंक एक सीसी में बीस मिलियन शुक्राणुओं को चरियता देता है. इसमें चार शुक्राणुओं में से दो का गतिशील होना जरूरी है. इन शुक्राणुओं को जमाव बिंदु के ताप पर संग्रहित किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित क्रायोबैंक एक छह तक वीर्य को अत्यंत ठंडे ताप पर सुरक्षित रखा जा सकता हैं.

अभी हमारे देश में वीर्यदान का बिजनेस नयी बात है. इसलिए दाताओं को भुगतान कुछ खास नहीं किया जाता है. मगर इसके भविष्य में काफी संभावना है. एक वीर्यदाता को क्रायोबैंक एक नमूने के पांच सौ से एक हजार रूपए भुगतान करते है. बाद में यहीं बैंक वीर्य सैम्पल के थ्री वाॅयल बनाते हैं यानी तीन गुणा मुनाफा कमाते है.

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