Crime Story Hindi : best detection story | phariyadi hi tha aropi | dr. mk mazumdar
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घटना 2007 की है. उन दिनों मेरी पोस्टिंग कुर्ला पुलिस स्टेशन में हुई थी. मेरी पोस्टिंग को अभी कुछ ही दिन हुए थे. मैं वहां के माहौल को समझने की कोशिश कर रहा था. एक दिन शाम के वक्त मैं अपने ऑफिस में बैठा नाइट डियुटी के बारे में अपने साथी अधिकारियों से बात कर रहा था. इतने में एक नौजवान काफी घबराया हुआ वहां आया. वह बूरी तरह से हांफ रहा था. मैंने उसे कुर्सी पर बैठने का इशारा किया. उसकी ओर पानी की बाॅटल बढ़ाई. युवक ने एक ही सांस में बाॅटल का सारा पानी पी गया. पानी पीने के बाद वह खुद को रिलैक्स महसूस करने लगा. तब मैं ने उससे इशारे से पूछा, मामला क्या है?
‘‘साब, अभीअभी कुछ लोग मेरे कमरे में घुस आए थे. घर में घुस कर उन्होंने मेरे साथ मारपीट की. वे घर में रखा सारा सामान और पैसे लूट कर ले गए. मैं बर्बाद हो गया, साब.’’ इतना कह कर वह सिर नीचे करके बैठ गया.
मैंने उस युवक के बात करने के बाॅडी लैंग्वेज पर गौर किया तो मुझे उस पर शक हुआ. पहली बात, वह कुछ अटकअटक कर बोल रहा था. मानो, बात करते वक्त घटना को दिमाग में बैठाने की कोशिश कर रहा था. दूसरी बात, वह मुझसे आंखों में आंखें मिलाकर बात करने की बजाए आंखें नीचे करके बातें कर रहा था.
ऐसा अक्सर झूठ बोलने वाले लोग करते हैं. मैंने उससे घटना के बारे में दो तीन बार फिर से पूछा तो उसके बयान हर बार बदलते गए. वह लूटने वाले लोगों की पहचान भी नहीं बता सका. मैं उसके हावभाव और बातों से यह निष्कर्ष निकाल चुका था कि मामला कुछ गड़बड़ है. इसके बावजूद मैंने उसे महसूस नहीं होने दिया कि उसकी सारी झूट मेरी समझ में आ चुकी है.
Crime Story Hindi : best detection story | phariyadi hi tha aropi | | dr. mk mazumdar
मैं उसके साथ पुलिस टीम लेकर घटनास्थल पर पहुंचा, जहां वह रहता था. वह स्थान पुलिस स्टेशन से ज्यादा दूर नहीं था. वहां पहुंच कर मैंने देखा, कमरे का दरवाजा खुला हुआ था. कमरे के अंदर सामान बिखरा पड़ा था. वहीं जमीन पर एक युवक औंधे मुंह पड़ा था. उसके आसपास ढ़ेर सारा खून फैला हुआ था. उस युवक के बारे में पूछने पर उसने बताया वह उसका दोस्त है. दोनों एक ही सेठ के यहां काम करते है और एक ही साथ इस कमरे में रहते हैं.
युवक के नजदीक जाकर गौर से देखने के बाद पता चला, युवक की मौत हो चुकी है. मैंने उससे पूछा, ‘‘तुमने इस बारे में कुछ नहीं बताया.’’ उसने कहा, साब, बात ऐसी है कि मैं काफी घबरा गया था. आपको पूरी बातें बतातेबताते भूल गया. असल में लुटरे जब कमरे में घुसे तो उन्होंने हम दोनों के साथ मारपीट की.
उनके हाथ में चाकू था. मैं किसी तरह दरवाजे के पीछे छुप गया, मगर मेरा दोस्त कहीं भाग नहीं पाया. उन लोगों ने चाकू से वार करके उसे खत्म कर दिया. उसने अपना अंगूठा दिखाते हुए कहा, साब, उन लोगों ने मुझे भी मारा. देखिए, मेरी अंगुली में घाव है. मैंने गौर से उसकी अंगुली को देखा, जहां पर हल्का सा कट लगा हुआ था.
कमरे का बारिकी से निरीक्षण करने के बाद मैंने तुरंत पुलिस फोटोग्राफर तथा फोरेंसिक टीम को बुलाया. फोटोग्राफर ने पहुंच कर विभिन्न कोणों से घटनास्थल के फोटो लिए. थोड़ी ही देर में फोरेंसिक टीम भी वहां पहुंच गई. फोरेंसिक टीम ने मृतक युवक के आसपास बारिकी से अध्ययन किया. वहां से अंगुलियों के निशान लिए. जैसे ही युवक के शरीर को सीधा किया गया, यह देखकर सभी सन्न रह गए, क्योंकि युवक के गले पर गहरा घाव था.
Crime Story Hindi : best detection story | phariyadi hi tha aropi | | dr. mk mazumdar
हत्यारे ने गले में चाकू डालकर काफी गहराई तक होल किया था. इस तरह से हत्या करने वाला हत्यारा इस बात से तस्लली हो जाना चाहता है कि वह जिसकी हत्या कर रहा है वह जिंदा न बचे. सामान्यतः चोरी और लूटपाट मंे इस तरह से घायल करते नहीं देखा गया है. ऐसे मामले आपस में गहरी दुश्मनी होने पर देखा जाता है. लूटपाट या चोरी करने वाले उनके काम में बाधा डालने पर झटके से बार करते हैं.
जांच पूरी होने के बाद लाश का पंचनामा बना कर पोस्टमार्टम के लिए भेंज दिया गया. पूछताछ में पता चला, मृतक राजस्थान का रहने वाला था. पिछले कई वर्षो से एक ही सेठ के यहां काम कर रहा था. वहीं फरियादी बिहार का रहने वाला था. वह भी कुछ साल पहले बिहार से काम की तलाश में मुंबई आया था. एक दिन उसकी मुलाकात राजस्थान में रहने वाले युवक से हुई. पहली ही मुलाकात में दोनों की अच्छी दोस्ती हो गयी. इसी दोस्ती के चलते उसने अपने सेठ के यहां उसे काम दिला दिया और अपने कमरे में रूकने की व्यवस्था भी कर दी. दोनों बड़े अच्छे से एक साथ रह रहे थे.
फरियादी युवक से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर वह मेरे पैरों पर गिर पड़ा. उसने कहा, साब, हमें माफ कर दो. मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है. साब, लड़की के चक्कर में आकर हमने अपने सबसे प्यारे दोस्त को खत्म कर दिया. साब, सारा कसूर हमारा है. हमका जो सजा देना हो दे दो. हमें फांसी पर चढ़ा दो, हम चढ़ने के लिए तैयार है.
‘‘क्या हुआ था मुझे पूरी बात बताओ.’’ मैंने उससे पूछा.
‘‘साब, कुछ साल पहले मैं काम की तलाश में मुंबई आया था. यहां मेरी मुलाकात संजू से हुई. संजू राजस्थान का रहने वाला बड़ा ही सीदा सादा व्यक्ति था. उस वक्त मैं बहुत परेशान था क्योंकि मेरे पास कोई काम नहीं था और न ही रहने के लिए कोई जगह थी. उससे मेरी मुलाकात होने पर उसने मुझसे मेरी परेशानी पूछी तो मैंने उसे बताया, मेरे घर की हालत बड़ी खराब है.
Crime Story Hindi : best detection story | phariyadi hi tha aropi | dr. mk mazumdar
मुझे नौकरी की सख्त जरूरत है. अगर मैंने जल्दी से घर में कुछ रूपये नहीं भेंजे तो घरवालों को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. उसने मुझे गले लगाते हुए कहा, दोस्त परेशान न हो, मैं तुझे नौकरी दिला दूंगा. जब तक नहीं मिलता है तू मेरे साथ मेरे घर पर ही रह. नौकरी न मिलने पर मैं तेरे घर पैसा भी भेंजवा दूंगा.
साब, वह मुझे अपने कमरे पर ले आया. उसने अपने सेठ से बात की तो उसका सेठ मुझे भी काम पर रखने के लिए तैयार हो गया. मेरी नौकरी लग चुकी थी. मैं भी मजे में रहने लगा. धीरेधीरे दो साल हो गए. अचानक एक दिन सेठ के घर एक लड़की दिखी. लड़की खूबसूरत थी. पता चला वह सेठ की बेटी है. कहीं पढ़ने के लिए गई थी. पढ़ाई पूरी करके घर लौट आयी है. लड़की की खूबसूरती पर हम मर मिटे. जब हमारे दोस्त ने देखा तो वह भी उसकी खूबसूरती पर मर मिटा. उसे लेकर हम दोनों सपने देखने लगे.
हम दोनों लड़की से पहचान बनाने की कोशिश करने लगे. वह लड़की हमारे सेठ की बेटी थी. वह हम नौकर को चारा क्यांे डाले, फिर भी हम कोशिश में लगे रहे. हम दोनों में यह फैसला हुआ था कि जो पहले लड़की से बात कर लेगा या लड़की जिससे बात कर लेगी वह उसकी होगी.
हमारा दोस्त इस मामले में बाजी मार ले गया. वह लड़की से बात करने लगा. उससे मिलने लगा. यह बात हमें बर्दाश्त नहीं हुई. हमने दोस्त से कहा, हम दोनों मिल बाट कर काम चलाएंगे. तब दोस्त ने हमें हमारी कहीं बात याद दिलाई, जो पहले बात करेगा, लड़की उसकी. हमने उससे कहां वह तो हमसे गलती हो गई थी.
हम दोनों सच्चे दोस्त है. क्यों न दोनों एक साथ...... दोस्त ने इंकार कर दिया. बस, उस समय हमें गुस्सा आ गया. हम अपने आप को संभाल नहीं सके. हमने सोचा हमारे और लड़की के बीच यहीं रोड़ा है. अगर हम इसे खत्म कर देंगे तो लड़की हमारी बाहों में आ जाएंगी. हम उस वक्त अपने आपे में नहीं थे.
किचन में जाकर चाकू ले आए. गुस्से की वज़ह से हमारी बुद्धि भष्ट्र हो गई थी. हमने दोस्त को जमीन पर पटक गिरा दिया और उसके गले पर गहरा वार किया. हमारा दोस्त खुद को बचाने के लिए खूब झटपटाता रहा, पर हमरे जोर के आगे उसकी एक नहीं चली. हमने उसके गले में चाकू घुसा कर गोलगोल घुमाकर बूरी तरह से गले को काट दिया.
जब वह शांत हो गया तो हमें होश आया. हमारी समझ में नहीं आया हम क्या करें? कुछ देर तक हम सिर पकड़े बैठे सोचते रहे. आखिर में हम उठे और कमरे की चीजे़ बिखरा कर लूटपाट होने का सीन बनाया. इसके बाद सीधे थाने आपके पास पहुंच गए. साब, हमसे गलती हो गयी. हमें फांसी पर लटका दो.
फरियादी आरोपी बन चुका था. हमने हत्यारे द्वारा सामने नाले में छुपाई हुई चाकू को बरामद कर लिया. कमरे में एक ही जन मौजूद था. इसकी पुष्टि मृतक के आसपास पाए गए एक ही व्यक्ति के फिंगर प्रिंट और पैरों के निशान से हो गए थे. फरियादी की अंगुली पर घाव दोस्त को चाकू से वार करते वक्त लगी थी. सारे सबूतों और बयान के साथ उसे गिरफ्तार कर जेल भेंज दिया. कुछ सालों बाद अदालत ने सारे सबूतों और उसके बयान पर 20 साल की सजा सुनाई. आज भी वह जेल में है. उसे अपने किए पर घोर पछतावा है. (Copyright:All Rights dr. mk mazumdar)
Crime Story Hindi : best detection story | phariyadi hi tha aropi | | dr. mk mazumdar | फरियादी ही था आरोपी
घटना 2007 की है. उन दिनों मेरी पोस्टिंग कुर्ला पुलिस स्टेशन में हुई थी. मेरी पोस्टिंग को अभी कुछ ही दिन हुए थे. मैं वहां के माहौल को समझने की कोशिश कर रहा था. एक दिन शाम के वक्त मैं अपने ऑफिस में बैठा नाइट डियुटी के बारे में अपने साथी अधिकारियों से बात कर रहा था. इतने में एक नौजवान काफी घबराया हुआ वहां आया. वह बूरी तरह से हांफ रहा था. मैंने उसे कुर्सी पर बैठने का इशारा किया. उसकी ओर पानी की बाॅटल बढ़ाई. युवक ने एक ही सांस में बाॅटल का सारा पानी पी गया. पानी पीने के बाद वह खुद को रिलैक्स महसूस करने लगा. तब मैं ने उससे इशारे से पूछा, मामला क्या है?
‘‘साब, अभीअभी कुछ लोग मेरे कमरे में घुस आए थे. घर में घुस कर उन्होंने मेरे साथ मारपीट की. वे घर में रखा सारा सामान और पैसे लूट कर ले गए. मैं बर्बाद हो गया, साब.’’ इतना कह कर वह सिर नीचे करके बैठ गया.
मैंने उस युवक के बात करने के बाॅडी लैंग्वेज पर गौर किया तो मुझे उस पर शक हुआ. पहली बात, वह कुछ अटकअटक कर बोल रहा था. मानो, बात करते वक्त घटना को दिमाग में बैठाने की कोशिश कर रहा था. दूसरी बात, वह मुझसे आंखों में आंखें मिलाकर बात करने की बजाए आंखें नीचे करके बातें कर रहा था.
ऐसा अक्सर झूठ बोलने वाले लोग करते हैं. मैंने उससे घटना के बारे में दो तीन बार फिर से पूछा तो उसके बयान हर बार बदलते गए. वह लूटने वाले लोगों की पहचान भी नहीं बता सका. मैं उसके हावभाव और बातों से यह निष्कर्ष निकाल चुका था कि मामला कुछ गड़बड़ है. इसके बावजूद मैंने उसे महसूस नहीं होने दिया कि उसकी सारी झूट मेरी समझ में आ चुकी है.
Crime Story Hindi : best detection story | phariyadi hi tha aropi | | dr. mk mazumdar
मैं उसके साथ पुलिस टीम लेकर घटनास्थल पर पहुंचा, जहां वह रहता था. वह स्थान पुलिस स्टेशन से ज्यादा दूर नहीं था. वहां पहुंच कर मैंने देखा, कमरे का दरवाजा खुला हुआ था. कमरे के अंदर सामान बिखरा पड़ा था. वहीं जमीन पर एक युवक औंधे मुंह पड़ा था. उसके आसपास ढ़ेर सारा खून फैला हुआ था. उस युवक के बारे में पूछने पर उसने बताया वह उसका दोस्त है. दोनों एक ही सेठ के यहां काम करते है और एक ही साथ इस कमरे में रहते हैं.
युवक के नजदीक जाकर गौर से देखने के बाद पता चला, युवक की मौत हो चुकी है. मैंने उससे पूछा, ‘‘तुमने इस बारे में कुछ नहीं बताया.’’ उसने कहा, साब, बात ऐसी है कि मैं काफी घबरा गया था. आपको पूरी बातें बतातेबताते भूल गया. असल में लुटरे जब कमरे में घुसे तो उन्होंने हम दोनों के साथ मारपीट की.
उनके हाथ में चाकू था. मैं किसी तरह दरवाजे के पीछे छुप गया, मगर मेरा दोस्त कहीं भाग नहीं पाया. उन लोगों ने चाकू से वार करके उसे खत्म कर दिया. उसने अपना अंगूठा दिखाते हुए कहा, साब, उन लोगों ने मुझे भी मारा. देखिए, मेरी अंगुली में घाव है. मैंने गौर से उसकी अंगुली को देखा, जहां पर हल्का सा कट लगा हुआ था.
कमरे का बारिकी से निरीक्षण करने के बाद मैंने तुरंत पुलिस फोटोग्राफर तथा फोरेंसिक टीम को बुलाया. फोटोग्राफर ने पहुंच कर विभिन्न कोणों से घटनास्थल के फोटो लिए. थोड़ी ही देर में फोरेंसिक टीम भी वहां पहुंच गई. फोरेंसिक टीम ने मृतक युवक के आसपास बारिकी से अध्ययन किया. वहां से अंगुलियों के निशान लिए. जैसे ही युवक के शरीर को सीधा किया गया, यह देखकर सभी सन्न रह गए, क्योंकि युवक के गले पर गहरा घाव था.
Crime Story Hindi : best detection story | phariyadi hi tha aropi | | dr. mk mazumdar
हत्यारे ने गले में चाकू डालकर काफी गहराई तक होल किया था. इस तरह से हत्या करने वाला हत्यारा इस बात से तस्लली हो जाना चाहता है कि वह जिसकी हत्या कर रहा है वह जिंदा न बचे. सामान्यतः चोरी और लूटपाट मंे इस तरह से घायल करते नहीं देखा गया है. ऐसे मामले आपस में गहरी दुश्मनी होने पर देखा जाता है. लूटपाट या चोरी करने वाले उनके काम में बाधा डालने पर झटके से बार करते हैं.
जांच पूरी होने के बाद लाश का पंचनामा बना कर पोस्टमार्टम के लिए भेंज दिया गया. पूछताछ में पता चला, मृतक राजस्थान का रहने वाला था. पिछले कई वर्षो से एक ही सेठ के यहां काम कर रहा था. वहीं फरियादी बिहार का रहने वाला था. वह भी कुछ साल पहले बिहार से काम की तलाश में मुंबई आया था. एक दिन उसकी मुलाकात राजस्थान में रहने वाले युवक से हुई. पहली ही मुलाकात में दोनों की अच्छी दोस्ती हो गयी. इसी दोस्ती के चलते उसने अपने सेठ के यहां उसे काम दिला दिया और अपने कमरे में रूकने की व्यवस्था भी कर दी. दोनों बड़े अच्छे से एक साथ रह रहे थे.
फरियादी युवक से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर वह मेरे पैरों पर गिर पड़ा. उसने कहा, साब, हमें माफ कर दो. मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है. साब, लड़की के चक्कर में आकर हमने अपने सबसे प्यारे दोस्त को खत्म कर दिया. साब, सारा कसूर हमारा है. हमका जो सजा देना हो दे दो. हमें फांसी पर चढ़ा दो, हम चढ़ने के लिए तैयार है.
‘‘क्या हुआ था मुझे पूरी बात बताओ.’’ मैंने उससे पूछा.
‘‘साब, कुछ साल पहले मैं काम की तलाश में मुंबई आया था. यहां मेरी मुलाकात संजू से हुई. संजू राजस्थान का रहने वाला बड़ा ही सीदा सादा व्यक्ति था. उस वक्त मैं बहुत परेशान था क्योंकि मेरे पास कोई काम नहीं था और न ही रहने के लिए कोई जगह थी. उससे मेरी मुलाकात होने पर उसने मुझसे मेरी परेशानी पूछी तो मैंने उसे बताया, मेरे घर की हालत बड़ी खराब है.
Crime Story Hindi : best detection story | phariyadi hi tha aropi | dr. mk mazumdar
मुझे नौकरी की सख्त जरूरत है. अगर मैंने जल्दी से घर में कुछ रूपये नहीं भेंजे तो घरवालों को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. उसने मुझे गले लगाते हुए कहा, दोस्त परेशान न हो, मैं तुझे नौकरी दिला दूंगा. जब तक नहीं मिलता है तू मेरे साथ मेरे घर पर ही रह. नौकरी न मिलने पर मैं तेरे घर पैसा भी भेंजवा दूंगा.
साब, वह मुझे अपने कमरे पर ले आया. उसने अपने सेठ से बात की तो उसका सेठ मुझे भी काम पर रखने के लिए तैयार हो गया. मेरी नौकरी लग चुकी थी. मैं भी मजे में रहने लगा. धीरेधीरे दो साल हो गए. अचानक एक दिन सेठ के घर एक लड़की दिखी. लड़की खूबसूरत थी. पता चला वह सेठ की बेटी है. कहीं पढ़ने के लिए गई थी. पढ़ाई पूरी करके घर लौट आयी है. लड़की की खूबसूरती पर हम मर मिटे. जब हमारे दोस्त ने देखा तो वह भी उसकी खूबसूरती पर मर मिटा. उसे लेकर हम दोनों सपने देखने लगे.
हम दोनों लड़की से पहचान बनाने की कोशिश करने लगे. वह लड़की हमारे सेठ की बेटी थी. वह हम नौकर को चारा क्यांे डाले, फिर भी हम कोशिश में लगे रहे. हम दोनों में यह फैसला हुआ था कि जो पहले लड़की से बात कर लेगा या लड़की जिससे बात कर लेगी वह उसकी होगी.
हमारा दोस्त इस मामले में बाजी मार ले गया. वह लड़की से बात करने लगा. उससे मिलने लगा. यह बात हमें बर्दाश्त नहीं हुई. हमने दोस्त से कहा, हम दोनों मिल बाट कर काम चलाएंगे. तब दोस्त ने हमें हमारी कहीं बात याद दिलाई, जो पहले बात करेगा, लड़की उसकी. हमने उससे कहां वह तो हमसे गलती हो गई थी.
हम दोनों सच्चे दोस्त है. क्यों न दोनों एक साथ...... दोस्त ने इंकार कर दिया. बस, उस समय हमें गुस्सा आ गया. हम अपने आप को संभाल नहीं सके. हमने सोचा हमारे और लड़की के बीच यहीं रोड़ा है. अगर हम इसे खत्म कर देंगे तो लड़की हमारी बाहों में आ जाएंगी. हम उस वक्त अपने आपे में नहीं थे.
किचन में जाकर चाकू ले आए. गुस्से की वज़ह से हमारी बुद्धि भष्ट्र हो गई थी. हमने दोस्त को जमीन पर पटक गिरा दिया और उसके गले पर गहरा वार किया. हमारा दोस्त खुद को बचाने के लिए खूब झटपटाता रहा, पर हमरे जोर के आगे उसकी एक नहीं चली. हमने उसके गले में चाकू घुसा कर गोलगोल घुमाकर बूरी तरह से गले को काट दिया.
जब वह शांत हो गया तो हमें होश आया. हमारी समझ में नहीं आया हम क्या करें? कुछ देर तक हम सिर पकड़े बैठे सोचते रहे. आखिर में हम उठे और कमरे की चीजे़ बिखरा कर लूटपाट होने का सीन बनाया. इसके बाद सीधे थाने आपके पास पहुंच गए. साब, हमसे गलती हो गयी. हमें फांसी पर लटका दो.
फरियादी आरोपी बन चुका था. हमने हत्यारे द्वारा सामने नाले में छुपाई हुई चाकू को बरामद कर लिया. कमरे में एक ही जन मौजूद था. इसकी पुष्टि मृतक के आसपास पाए गए एक ही व्यक्ति के फिंगर प्रिंट और पैरों के निशान से हो गए थे. फरियादी की अंगुली पर घाव दोस्त को चाकू से वार करते वक्त लगी थी. सारे सबूतों और बयान के साथ उसे गिरफ्तार कर जेल भेंज दिया. कुछ सालों बाद अदालत ने सारे सबूतों और उसके बयान पर 20 साल की सजा सुनाई. आज भी वह जेल में है. उसे अपने किए पर घोर पछतावा है. (Copyright:All Rights dr. mk mazumdar)
Crime Story Hindi : best detection story | phariyadi hi tha aropi | | dr. mk mazumdar | फरियादी ही था आरोपी
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