Rat Bite Fever | रैट बाइट फीवर: | चूहे के काटने से होने वाला बुखार
Rat Bite Fever | रैट बाइट फीवर: | चूहे के काटने से होने वाला बुखार |
राम अवतार रात के वक्त अपने घर पर सो रहा था. उसी वक्त उसके पैरों की उंगली पर चूहे ने काट लिया. उसने इस पर ध्यान नहीं दिया. अगले दिन घाव के आसपास सूजन आ गई. उसे बदन में दर्द के साथ तेज बुखार आ गया. गांव के डाक्टर को दिखाया. कोई लाभ नहीं मिला.
चूहा काटने पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए. यह जानलेवा साबित हो सकता है. चूहे काटने पर घरेलू इलाज के चक्कर में भी नहीं रहना चाहिए. इससे भी परेशानी बढ़ सकती है. मामले की गंभीरता को देखते हुए. किसी अच्छे डाॅक्टर से शुरू में ही दिख लेना अच्छा होता है. समस्या बढ़ने पर इसका निदान निकालना मुश्किल होता है.
चूहा काटने से स्थिति बिगड़ गई The situation deteriorated due to the rat bite
धीरेधीरे स्थिति बिगड़ती गई. घाव का इन्फेक्शन बढ़ता जा रहा था. उसमें सड़न हो गई. शहर के अस्पताल में जाने तक उसकी स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी. आखिर में उसकी मृत्यु हो गई.
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चूहे के काटने पर आने वाले बुखार रैट बाइट फीवर Rat bite fever
चूहे के काटने पर आने वाले बुखार को रैट बाइट फीवर Rat Bite Fever कहा जाता है. यदि समय से इसका सही इलाज न किया गया तो यह जानलेवा हो सकता है. अक्सर देखा गया है चूहे के काटने पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है. ग्रामीण क्षेत्र में प्रति वर्ष सैकड़ों लोग चूहे के काटने पर की गई लापरवाही की वजह से मौत के शिकार हो जाते हैं.
चूहे का लार होता है जहरीला Mice of saliva are poisonous
चूहे के लार में रहने वाले स्पाइरिलम माइनस नामक बैक्टिरिया मनुष्य के लिए काफी खतरनाक होते हैं. मनुष्य ही नहीं चूहे ने यदि जानवर को काटे तो जानवर की जान भी जा सकती है. पालतू जानकर को चूहा काट लें तो इस पर ध्यान देना जरूरी है. वर्ना जानकवर की जान जा सकती है.
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फैल सकता है पूरे शरी में जहर Poison can spread throughout the body
चूहा जब किसी को काटता है. उसके लार के द्वारा खतरनाक स्पाइरिलम माइनस बैक्टिरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. यह शरी में पहुंच कर जहरीला प्रभाव डालता है. इससे तेज बुखार आने लगता है. बुखार के लक्षण के साथ घाव का इन्फेक्शन बढ़ता जाता है. धीरे-धीरे इसका जहर पूरे शरीर में फैल जाता है.रैट बाइट फीवर के लक्षण Symptoms of Rat Bite Fever
चूहे के काटने पर वह स्थान अपना स्वभाविक रंग बदल कर लाल या काला हो जाए तो समझ लेना चाहिए कि चूहा स्पाइरिलम माइनस से ग्रसित है. ऐसे व्यक्ति को ‘रैट बाइट फीवर’ की संभावना बढ़ जाती है. कभी कभी यह घाव अपने आप ठीक हो जाता है पर कुछ दिनों बाद इस घाव के आसपास सूजन व लाली दिखाई लेने लगती है. रोगी को बुखार आने लगता है. धीरेधीरे घाव का दायरा बढ़ने लगता है. उसके आसपास फुंसियां भी होने लगती है. प्रभावित स्थान का घाव गंभीर रूप धारण कर लेता है. रोगी को तेज बुखार, सिर, बदन, जोड़ों में तेज दर्द होता है.
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रैट बाइट फीवर की खतरनाक स्थिती Dangerous situation of Rat Bite Fever
बुखार दिन में कई बार उतरता चढ़ता रहता है. दवा देने के बाद भी बुखार का आना जारी रहता है. 7-8 दिन तक बुखार आने के बाद यह अपने आप ठीक हो जाता है. कुछ दिनों बाद फिर से वैसे लक्षण दिखाई देते हैं. दुबारा बुखार आने पर बुखार तेज तो होता है पर वह जल्दी उतर जाता है. बुखार के साथ सिर, बदन, जोड़ों में दर्द के लक्षण भी रहते हैं. यह बुखार 3-5 दिनों तक रहता है. अन्त में अपने आप ठीक हो जाता है.
महिनों बाद बुखार फिर से आता है. इसके लक्षण पहले जैसे ही होते हैं. यह क्रम कई बार चलता है. ठीक से इलाज न होने पर कई सालों बाद फिर से अटैक करते हैं.
चूहे के काटने पर गंभीरता से लें Take rat bites seriously
चूहे के काटने पर अधिकतर लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं. कभीकभी घाव पर घरेलू दवा लगा देते हैं. घरेलू दवाओं से स्पाइरिलम माइनस बैक्टिरिया का असर कम नहीं होता है. इसके लिए अच्छे डाक्टर से सही इलाज की आवश्यकता होती है.
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चूहे के काटने पर प्राथमिक उपचार First aid on rat bite
- चूहे के काटने पर उस स्थान को तुरंत दबा कर वहां से थोड़ा खून निकाल देना चाहिए.
- इसके बाद उस स्थान को हल्के गरम पानी या डिटाल से साफ कर कोई एंटी सेप्टिक क्रीम लगा दें.
- घाव को बढ़ने न दें. घाव बढ़ जाने पर रोगी के पूरे शरीर में इन्फैक्शन फैलने का भय रहता है.
- रैट बाइट फीवर Rat Bite Fever लंबे समय तक रहने पर रोगी मूत्र संस्थान प्रभावित हो जाता है. ऐसे में रोगी डिलीरियम फीवर का शिकार हो जाता है. यह रोगी के लिए खतरनाक स्थिति होती है.
- चूहा छोटा हो या बड़ा घाव छोटा हो या बड़ा हो, चूहे काटने पर बिलकुल भी लापरवाही न करें. नीम हकीम को दिखाने की बजाय क्वालिफाइड डाक्टर को दिखाएं और इसका सही इलाज करवाएं. ताकि आपकी जान बच सके. (Copyright Maanoj Mantra)