How to overcome the halitosis problem | सांस की बदबू इसे हल्के में ना लें - Today and Tomorrow

Today and Tomorrow

ब्युटी टिप्स, हेल्थ टिप्स, फिल्म, क्राइम स्टोरी, टेंडिग न्यूज, लाइफ स्टाइल, प्रेरक कहानी, खानपान, रेसिपी, अजब-गजब,

How to overcome the halitosis problem | सांस की बदबू इसे हल्के में ना लें

How to overcome the halitosis problem |  सांस की बदबू इसे हल्के में ना लें
How to overcome the halitosis problem |  सांस की बदबू इसे हल्के में ना लें  

हैलिटोसिस यानी सांस की बदबू एक परेशानीदायक व आम समस्या है। सांसों की दुर्गंध होने पर लोगों से मिलने व बातचीत करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सांस की बदबू कई बार शर्मिंदगी का कारण बन जाती है। इंटरव्यू हो या दोस्तों की गपशप सांस की बदबू की वजह से हंसी का पात्र बन सकते हैं।

इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को अपनी बीमारी के बारे में पता नहीं होता है। उसे तब मालूम पड़ता है जब उससे कोई व्यक्ति इसके बारे में प्रतिक्रिया जाहिर करता है। तब उसे शर्म की वज़ह से अपनी नज़रें झुकानीपड़ती है। सांसों की दुर्गंध से सौंदर्य व व्यक्तित्व भी प्रभावित होता है। पति-पत्नी के बीच इसे लेकर तीव्र विवाद भी उठ खड़ा होता है। कभी-कभी तलाक की नौबत भी आ जाती है।

सांस की बदबू की के कारण को पहचान कर जल्दी ही इसका करना चाहिए। डाॅक्टरों का कहना है, सांस की बदबू की पहचान जल्दी कर लेने पर इसका निदान करना मुश्किल नहीं होता है। समस्या बढ़ जाने पर इस पर काबू (कंट्रोल ) करना मुश्किल हो जाता है।

दुषित सांस चार प्रकार Four types of drugged breath
हैलिटोसिस को ब्रेथ मैलओडर और डैªगन माउथ जैसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। चिकित्सकों के अनुसार दुषित सांस चार प्रकार की होती है।


Read this :- World famous Ajab-Gajab Jabs दुनिया की अजब-गजब Jobs जिन्हें हर कोई करना चाहेगा – पार्ट – 1

फिजिओलाजिक बैड ब्रेथ

यह समस्या किसी व्यक्ति हो सकती है। यह मुंह के अंदर और जीभ पर बैक्टीरिया के अधिक पनपने से पैदा होती है।

पैथोलाजिक बैड ब्रेथ Physiologic bad breath

यह शरीर के अंदर किसी प्रकार की विकृति या बीमारी होने पर हो सकती है।

पेप्पी बैड ब्रेथ Peppy bad breath

भोजन में लहसुन, प्याज, हरी धनियां आदि के कारण, किसी प्रकार की दवा खाने पर, सोकर उठने पर आदि कारणों से हो सकता है।

Read this :- 5000 में शुरू करें 20 चटपटा बिजनेस आइडिया (Ideas) || Low budget high profit || Business Mantra

हैलिटोफोबिया Halitophobia

इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति दूषित सांस का इलाज करवाने के बाद भी सांस की दुर्गंा को लेकर एक तरह से भयभीत रहता है।

दूषित सांस के पनपने के कारण
दांतों की प्रतिदिन ठीक प्रकार से सफाई न होने से दांतों में फंसे अन्न के कण व अन्य खाद्य पदार्थ सांस में दुर्गंध उत्पन्न करते हैं।
- मुख की सही तरीके से सफाई न होने पर एक विशिष्ठ प्रकार के बैक्टीरिया एनारोबिक तेजी से बढ़ने लगते है। यह बैक्टीरिया मुख के लार में मौजूद होता है।
- भोज्य पदार्थो, बीमारी या दवाइयों के सेवन से मुख मंे मौजुद एनारोबिक बैक्टीरिया को वातावरण मिल जाता है। वह सल्फर कंपाउंड उत्पन्न करने लगता है। यह हाइड्रोजन सल्फाइड और मिथाइल के संपर्क में आकर मुख में दुर्गंध पैदा करता है।

Read this :- Honeymoon Cystitis in hindi | हनीमून सिस्टाईटिस: नवविवाहिताओं की आम समस्या | इससे बचाव कैसे करें?

सांसों की दुर्गंध का पता कैसे करें?

 दूसरों से पूछे Ask others

सांस की दुर्गन्ध की समस्या उत्पन्न होने पर स्वयं को पता नहीं चल पाता है। इसके बारे में कोई खास साथी, मित्रों, पति-पत्नी व प्रियजनों की राय जानें।

स्वंय जांच करें Check yourself

मुंह से सामने अपने दोनों हथेलियों को कप की आकृति के समान कर लें। अब गहरी सांस छोड़ें, फिर उसे सूंघें। अगर आपको दुर्गंध महसूस हो तो समझ जाएं कि सामने वाले को भी ऐसा महसूस होता होगा।

अपने हाथ को चाट कर सूंघें Sniff your hand

अपने हाथ के दुसरी तरफ चाटें। 10-15 सेकेण्ड के बाद उसे सूंघें। यदि आपको दुर्गंध का एहसास हो तो समझे आपके मंुह में दुर्गंध है।

जीभ की जांच करें Check tongue

शीशे के सामने खड़े होकर अपनी जीभ को गौर से देखें यदि जीभ पर सफेद मोटी परत दिखाई दे तो समझ जाएं आपके मुंह में  दुर्गंध उत्पन्न होती है।

सफेद सूती कपड़े से जांच Check with white cotton cloth

सफेद सूती कपड़े को जीभ पर रखें। गीला होने पर निकाल लें। 10-15 सेकेण्ड बाद सूंघें। यदि दुर्गंध हो तो आपके मुंह केदुर्गंध की ओर इशारा करता है।
गीला कपड़ा सूखने पर उस पर यदि पीला दाग पड़ जाएं तो समझ जाएं आपके मुंह में बैक्टीरिया का स्तर बढ़ा हुआ है।

How to overcome the halitosis problem |  सांस की बदबू इसे हल्के में ना लें



सांसों की बदबू क्या कहती है सेहत के बारे में

बीमारी के कारण due to illness

एंटीडिप्रेसेंट, हाई ब्लडप्रेशर की दवाओं के कारण मुंह में लार कम बनती है, जिससे मुंह सूख जाता है। इससे भी सांसों की दुर्गंध आ सकती है। मुंह का कैंसर, एचआईवी संक्रमण, पाचन तंत्र में समस्या, शरीर में जिंक की कमी, डीहाइड्रेशन इसकी वजह से सांसों की दुर्गंध  उत्पन्न हो सकती है।

दांतों की समस्या के कारण Due to teeth problem

दांतों की सड़न, मसूड़ों की बीमारी, दांतों में से खून आना, पायरिया, मुंह में किसी प्रकार का संक्रमण, मुंह का कैंसर या मुंह का बहुत अधिक सूखना आदि कारणों से मुंह दुर्गंध आ सकती है।

चिकित्सकिय कारण Medical reasons

शोधों में पता चला है कि 10 फीसदी हैलिटोसिस की प्राब्लम किसी बीमारी के कारण होती हैं। साइनस, नाक का संक्रमण, लंबे समय तक सर्दी जुकाम बने रहना, खांसी, सांस लेने के रास्ते में संक्रमण, निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस, फेफड़ों, शरीर में रक्त की कमी, किसी प्रकार की एलर्जी, डायबिटीज, पेट की बीमारी, कब्ज, टांसिल्स पर सूजन, श्वास नली और फेफड़ों में विकार या इन्फेक्शन, मुंह में छाले, लीवन की बीमारी, बुखार, हार्निया, गुर्दे, कैंसर, लीवर की बीमारी, मासिक धर्म के दौरान या किसी प्रकार के दवाओं के सेवन से मुंह में से दुर्गंध आ सकता है।

मुंह का सूखना Dry mouth

मुंह यदि अधिक सूखता है तो मुंह से दुर्गंध अधिक आने लगती है। इसकी वजह यह है कि मुख में लार कम और बैक्टीरिया के तेजी से बढ़ने और वाष्पशील होने का मौका मिल जाता है। जैसे शरीर मंे पानी की कमी, थकान, अधिक गरमी, भूखे रहने आदि से मुंह सूखने लगता है।

अन्य कारण other reason

शरीर में विटामिन की कमी, जीभ पर अत्यधिक मैल जमना, नकली दांतों की उचित सफाई न होना, धूम्रपान, पान मसाला, तम्बाकू का सेवन करना, शराब, ताड़ी आदि पीना, रात्री जागरण दिन मंे सोना, सुबह देर से तक सोना आदि कारणों से सांसों मंे दुर्गंध उत्पन्न होती है।

एलोपैथी की कुछ दवाईयां एंटीहिस्टामिन, डिकोंजेस्र्टेट तथा डाइयूरेटिक्स आदि के सेवन से भी सांसों में दुर्गंध  आती है। गर्भावस्था में हार्मोन परिवर्तन की वजह से भी कुछ महिलाओं की सांसों मंे दुर्गंध आती है। मांस मछली जैसी चीजें खाने से भी सांसों में दुर्गंध आ सकती है।

Read this :- Rat Bite Fever | रैट बाइट फीवर: चूहे के काटने से होने वाला बुखार

सांस की दुर्गंध का उपचार Treatment of bad breath

  • सांस की दुर्गंध को दूर करने के लिए सबसे पहले उसके कारणों का पहचाने फिर उपचार करें।
  • दांतों की नियमित व सही सफाई करें।
  • जीभ की सफाई पर विशेष ध्यान दें। जीभ की अच्छे से सफाई होने पर बैक्टीरिया को पनपने का मौका नहीं मिलता है।
  • दांतों मंे किसी प्रकार की बीमारी हो तो उसकी जांच व इलाज करवाएं।
  • मुंह अधिक सूखने पर पानी पीने की मात्रा बढ़ा दें। 
  • पान, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला, गुटका, शराब आदि का सेवन न करें।
  • भूखें न रहे। भूखे रहने से मुंह में लार बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और मुंह मंे बैक्टीरिया पनपने लगते है।
  • पेट मंे कब्ज न रहने दें। पेट को साफ रखें। कब्ज दूर करने के लिए रात को सोते समय आठ दस मुनक्का का सेवन करें।
  • शरीर से अधिक पसीना निकलने पर भी मुंह से दुर्गंध निकलती है। ऐसे में रोजाना अच्छी तरह से स्नान करें। ताकि शारीरिक दुर्गंधता से उत्पन्न मुंह की दुर्गंध दूर हो जाएगी।
  • दुसरों के टूथ ब्रश, लिपिस्टिक, लिपिस्टिक ब्रश, रूमाल, टावेल का इस्तेमाल न करें। क्योंकि इससे मुंह में किसी प्रकार का संक्रमण होकर सांसों मंे दुर्गंध उत्पन्न हो सकती है।
  • रेशे युक्त फल व सब्जियों का खूब सेवन करें।
  • भोजन को खूब चबा-चबा कर खाएं।
  • कोई भी चीज खाने के बाद मुंह की सफाई जरूर करें।
  • टंग क्लीनिंग व डेंटल फ्लोसिंग जरूर करें। इससे मुख की अच्छे से सफाई हो जाती है।
  • अच्छे किस्म का माउथवाश से मुंह को साफ करें। इस बात का ध्यान रखें माउथवाश शुगर, सैकरीन या अल्कोहल युक्त न हो।


सांसो की दुर्गंध दूर करने के घरेलू उपाय Home remedies to remove bad breath

  • नींबू को आधा काट कर हल्के हाथों से दांतों व मसूढ़ों पर रगड़ें। नींबू में पाएं जाने वाला विटामिन सी मुख के आंतरिक ऊतकों को संकुचित कर, उनसे विषैले पदार्थ निकालकर दांतों व मसूढ़ों को दृढ़ बनाता है। नींबू एक अच्छा माउथवाशनर भी है।
  • गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक मिला कर गरारे करें। नमक में पाएं जाने वाले तत्व मुख के अंदर की मृत कोशिकाओं को निकाल देते है। बैक्टीरिया को पनपने से रोकते है।
  • एक गिलास ठंडे पानी मंे दो चम्मच गुलाब जल डालकर मुख को अच्छे से साफ करें। यह यएंटी बाॅयटिक तथा एंटी सेप्टिक जैसा प्रभाव डालती है। इसकी प्राकृतिक खुश्बू सांसों मंे ताजगी देती है।
  • एक गिलास ताजे पानी मंे दो बूंद लौंग का तेल डालकर इस पानी से गरारे करें। लौंग मंे पाये जाने वाले यूनीनाल तथा फेनाल एसीटोल माॅउथवाश का काम करते है। जिससे सांस की दुर्गंध दूर होती है। लौंग का तेल एंटी बाॅयटिक का भी काम करता है। (Copyright Maanoj Mantra)