Crime Story in Hindi : पति की लाश पर प्यार की मौज | Celebration of husband's death

Crime Story in Hindi : पति की लाश पर प्यार की मौज | Celebration of husband's death
पति की लाश पर प्यार की मौज

Crime Story in Hindi : पति की लाश पर प्यार की मौज 


रसोई का काम खत्म करने के बाद सोनाली अपने कमरे में सोने चली गई. उसने अपना बिस्तर ठीक किया और उस पर लेट गई. धीरे-धीरे रात गहराती जा रही थी, पर नींद उसके आंखों से कोसों दूर थी. यह उसके लिए रोज का नियम बन गया था. उसके पति रूपेस का जीवन नौकरी में सिमट कर रह गया था. वह रात भर डियुटी करता और दिन भर पड़ा-पड़ा सोता रहता था. उसने कभी यह महसूस नहीं किया कि उसकी पत्नी की भी कुछ जरूरतें हैं जिसे पूरा करना भी एक पति के लिए जरूरी होता है.

सोनाली दिखने में खूबसूरत औरत थी. रूपेस जब उसे शादी करके लाया था. दिन रात उसके पीछे चक्कर काटता रहता था. पर जब तीन-चार साल में सोनाली कोई बच्चा नहीं दे पायी तो रूपेस का मन उससे हट गया. इस बीच उसकी डियुटी रात पाली की हो गई. वह पिछले कुछ समय से रात पाली में जा रहा था. सुबह डियुटी से लौटने के बाद वह इतना थक जाता था कि दिन भर पड़ा-पड़ा सोता रहता था.

करीब छः माह पहले रमेश नौकरी की तलाश में आया. उसे नौकरी तो नहीं मिली पर उसके कई अच्छे दोस्तों से जरूर मुलाकात हो गई. उनमंे से एक था रूपेस. रूपेस ने अपने अपार्टमेंट में ही एक फ्लैट किराए पर दिलवा दिया. रमेश ने जाॅब के लिए कई जगह इंटरव्यू दिया लेकिन उसे जाॅब नहीं मिली. जब कहीं से भी रमेश को जौब नहीं मिली तो वह काफी परेशान हो गया.

जाॅब ना मिलने का दर्द रूपेस अच्छी तरह से समझता था. उसने भी एक साल के लगभग बेरोजगार रह कर गुजारे थे. इसलिए रूपेस समयसमय पर रमेस की मदद कर देता था.



रूपेस की डियुटी रात में थी. डियुटी जाने के बाद सोनाली घर पर अकेले रह जाती थी. एक रात सोनाली  को नींद नहीं आ रही थी. वह अपने कमरे से निकली और बाहर बरामदे में टहलने लगी. उसका तन अजीब नशे से भर हुआ था. जिससे अपना अकेलापन उसे नाग बनकर डस रहा था. कुछ देर तक बाहर टहलने के बाद सोनाली  बेडरूम में आकर लेट गई. वह सोने की कोशिश करने लगी, पर उसे नींद नहीं आ रही थी. उसे रह-रह कर अपने पति की याद आ रही थी. उसे लग रहा था, उसका पति उसके पास आये और उसे इस तरह से जकड़े की उसकी हड्डियां भी चटक जाएं. उसे रह-रह कर अपने पति को अपने सीने से लगाने की इच्छा हो रही थी. जब उसके अंदर की बेचैनी बहुत बढ़ गई तो वह खाट से उठ कर बैठ गई. अपने अंदर की बेचैनी को कम करने के लिए वह उठी और फीज से ठंडा पानी लिया और एक ही सांस में उसे पी गई, पर इसका कोई असर नहीं हुआ. उसके अंदर की गर्मी एक बूंद भी शांत नहीं हुई. वह एक बार फिर उठी और बाहर जाकर टहलने लगी.

उसने देखा पड़ोस में रहने वाला रमेश भी बाहर टहल रहा था. रमेश जवान था और अविवाहित भी, उसे देखकर सोनाली के दिल में पाप का दिया जल उठा. अपने सांसों को काबू में करते हुए रमेश से पूछा, ‘‘क्या बात है, तुम्हें नींद नहीं आ रही है?’’

‘‘अरे, भाभी आप यहां, कोई प्राब्लम हो गई क्या?’’
‘‘नहीं कोई प्राब्लम नहीं है, तुम भी जगे हो तो आ जाओ एक एक कप चाय पीते है.’’
चाय की बात सुनकर रमेश भी तैयार हो गया उसे भी चाय की तलप लगी थी, वह सोनाली के फ्लैट में आ गया.
चाय पीते हुए सोनाली ने रमेश से पूछा, ‘‘तुम बताओ ऐसी क्या बात हो गई जो तुम्हें नींद नहीं आ रही.’’
‘‘भाभी बस नौकरी की चिंता है कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल रही है.’’
‘‘सिर्फ नौकरी की चिंता करोंगे कि कोई छोकरी के बारे में भी सोचोंगे.’’
‘‘नौकरी मिल जाने के बाद छोकरी तो अपने आप मिल जाएगी.’’
‘‘छोकरी मिल जाने के बाद फिर तुम भी अपने मामा की तरह उसे अकेला तड़पता हुआ छोड़कर नौकरी करने चले जाओगे.’’ कहते हुए सोनाली ने रमेश की आंखों में छांकते हुए कहा.

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सोनाली की इस अदा पर रमेश मरमिटा. उसने गौर किया सोनाली छीना नाईट गाउन पहनी हुई थी. उसके अंग में तेजी से लावा भरने लगा. रमेश कोई दूध पीता बच्चा तो नहीं था जो सोनाली के इशारों को न समझ रहा हो. वह बेकाबू हो गया. उसने सोनाली को कस कर अपनी बांहों में जकड़ लिया. रमेश कुंवारा जरूर था किन्तु औरतों के मामले में वह अनाड़ी नहीं था.

उस रात के बाद सोनाली अपने पति रूपेस को भूलती चली गई. कहते हैं अवैध संबंध की गंध को अधिक समय तक छुपाए नहीं रखा जा सकता. यह धीरे-धीरे दुगंध में बदल जाती है और आस-पास में फैलने लगती है. रूपेस को जल्द ही रमेश और उसकी पत्नी सोनाली के बीच पक रही खिंचड़ी के बारे में पता चल गया. वह समझ रहा था. सोनाली से इस बारे में पूछने पर इंकार ही करेगी. उसने दोनों को रंगे हाथों पकड़ने का प्लान बनाया. इसके लिए वह एक रात अपनी डियुटी छोड़कर अचानक घर आ गया. घर पर सोनाली और रमेश को एक साथ देखकर उसका पारा सातवंे आसमान पर पहुंच गया. उसने अपनी पत्नी को बूरी तरह से मारने लगा. मौका पाकर रमेश वहां से भाग गया. भाग कर जाता भी कहा, उसका फ्लैट तो रूपेस के फ्लैट के बगल में था.



रमेश जैसे ही घर में घुसा कुछ ही देर में रूपेस एक मोटा सा डंडा लेकर पहुंच गया. रूपेस इतने गुस्से में था कि वह रमेश को मार डालना चाहता था. रूपेस के गुस्से को देख वह समझ गया. आज तो उसका बच पाना मुश्किल है. रूपेस डंडे से उस पर वार करता किसी तरह से वहां भाग निकला. कई दिनों तक वह यहां भटकता रहा. सोनाली इस बीच रमेश का खबर लेती रही.

सोनाली को रमेश की चिंता सता रही थी. इस दौरान उनके बीच का रिस्ता इतना परवान चढ़ गया था कि दोनों एक-दूसरे से जूदा होने के लिए तैयार नहीं थे. रूपेस के डियुटी पर चले जाने के बाद भी सोनाली और रमेश एक दूसरे से मिलने के तड़प उठे. उन दोनों ने जल्दी ही घर से बाहर मिलने का अपना नया ठिकाना खोज लिया. दोनों किसी लाज या धर्मशाला में रूक कर अपनी शारीरिक प्यास बुझाते थे.

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एक दिन सोनाली ने रमेश से कहा, ‘‘तुम अगर मुझे दिल से चाहते हो तो खूसट रूपेस को रास्ते से हटा दो.’’
‘‘ऐसा करना बड़ा मुश्किल है.’’ रमेश ने डरते हुए कहा.
‘‘तुम्हें यह करना ही पड़ेगा वर्ना मुझे भूल जाओ.’’ सोनाली ने धमकाते हुए कहा.
रमेश, सोनाली के जिस्म का दीवाना बन चुका था. उसके बिना उसे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था. उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह सोनाली को क्या जवाब दें.

सोनाली ने रमेश से कहा, ‘‘मैंने टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल देखकर रूपेस को निपटाने का प्लान बना लिया है.’’
पूरा प्लान सुनकर रमेश सोनाली का साथ देने के लिए तैयार हो गया. सोनाली कोई क्रिमनल नहीं थी पर उसने क्राइम पेट्रोल देखकर पति की हत्या का प्लान इस ढंग से बनाया था कि हत्या का शक हरिओम पर हो. दरअसल, हरिओम सोनाली के पति का दोस्त था वह अक्सर घर पर आया करता था. दोनों एक साथ बैठ कर शराब पीते थे. हरिओम अपने दोस्त के पास जरूर आता था. पर उसकी निगाह उसकी खूबसूरत पत्नी सोनाली पर थी. वह किसी तरह से उसे अपने चंगुल में फंसाने की कोशिश में था. हर तरह का चारा दिखाने के बाद भी सोनाली उसके जाल में नहीं फंस रही थी.

एक दिन रूपेस और हरिओम बैठे देर रात तक शराब पीते रहे. इस बीच सोनाली ने हरिओम का मोबाइल चुराकर उसमें रूपेस की सिम डाल दी. सोनाली का अनुमान था, पुलिस जब रूपेस की खोज करेगी, सबसे पहले वह रूपेस का मोबाइल ढुंढ़ेगी. हरिओम के मोबाइल में जब रूपेस का नंबर बजेगा. पुलिस का शक उस पर जाएगा. उसे पकड़ कर ले जाएगी.

रात में हरिओम वहां से चला गया इतने में रमेश वहां पहुंचा. रूपेस शराब के नशे में बेसुध होकर पड़ा था. घर में रखे सिलबट्टे से उन्होंने रूपेस के सिर पर तेज वार किया. एक ही वार में सिर तरबूजे की तरह फट गया. दोनों ने घर के अंदर ही रूपेस की लाश को रख दिया. रूपेस की मौत पर दोनों इतना खुश थे कि कब सुबह हो गई, उन्हें पता ही नहीं चला. पूरा दिन दोनों ने एक साथ ही बिता दी. लाश को ठिकाने लगाने के लिए रात का इंतजार करने लगे. उस रात भी दोनों ने पहले रासलीला करने की सोची. इस रात भी दोनों रात भर रासलीला में लगे रहे. सुबह हो गई. लाश को ठिकाने लगाने का अवसर नहीं मिला. इसी तरह दो दिन और दो रात बीत गए.

अब लाश से हल्की बदबू आने लगी थी. यह देखकर अगली सुबह होते ही लाश को ठिकाने लगाने के लिए रमेश जंगल की ओर गया था. उसने लौट कर सोनाली को बताया, वह सब व्यवस्था करके आया है. एक जगह पर लकड़ियों का ढेर रखा हुआ है. बस हमें लाश को उस जगह तक ले जाना है और लकड़ी के ढेर में रखकर जला देना है.

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 रात होते ही दोनों किसी तरह लाश को उस स्थान पर लेकर पहुंचे. लाश को लकड़ियों के पर रख कर आग लगा दी. लकड़ियां सूखी थी. वह धूधू कर जलने लगी. जब उन्हें लगा लाश राख बन चुकी है. दोनों घर लौट आए. घर आकर दोनों ने राहत की सांस ली और एकदूसरे में खो गए. अगले दिन से दोनों अपने अपने कमरे में इस तरह से रहने लगे जैसे कुछ हुआ ही न हो.

सुबह का वक्त था. रोहन अपने खेत पर पहुंचा. वहां रखें लकड़ियों के दो गठ्ठर किसी ने रात में जला दिए थे. वह लकड़ियों के राख को देख रहा था. अचानक उसकी निगाह जले लकड़ियों के राख पर गई. उसे राख में कुछ अधजली हड्डियां दिखायी दी. कहा जाता है लाश बोलने लगती है. ऐसा ही कुछ यहां भी हुआ. लाश राख में बदलने के बाद भी उसके कुछ अवशेष हड्डियों के रूप में रह गए थे. उन हड्डियां ने रोहन से चुगली कर दी.
उसे देखने पर मानव की हड्डियां लग रही थी. हड्डियां देख रोहन घबरा गया. कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए. पुलिस उससे आकर पूछताछ करें. इसके पहले उन्हें सूचित करना होगा. देर न करते हुए वह सीधे पुलिस स्टेशन पर पहुंचा और घटना की जानकारी दी.




पुलिस ने सूचना को गंभीरता से लेते हुए. थाना प्रभारी एसआई दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. राख में पड़ी अधजली हड्डियां को देख पुलिस को भी मानव शरीर की हड्डिया लगी. पुलिस ने तुरंत उसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेंज दिया तथा उस स्थान पर घेरा बना कर एक होमगार्ड को निगारी के लिए तैनात कर दिया. जब तक रिपोर्ट आती पुलिस ने मामला दर्ज कर आसपास के क्षेत्र में गुमशुदा लोगों के बारे में सूचना इकट्ठा करना शुरू कर दिया.

तीन दिन में जांच रिपोर्ट भी आ गई. जिसमें बताया गया वह अधजली हड्डिया किसी 30-40 साल के पुरूष की है. इसी बीच दैनिक अखबार में छपी एक खबर को लेकर कुछ लोग थाने पहुंचे. उन्होंने बताया कि हमारा बेटा रूपेस कई दिनों से लापता है. उसका मोबाइल भी बंद है. वह अपनी पत्नी के साथ रहता था. इस बारे में उनकी बहू भी कुछ सही नहीं बता रही है. रूपेस के भाई ने अपनी भाभी और उसके मुंहबोले भाई रमेश पर शक जाहिर किया.

इस पर पुलिस ने रूपेस की पत्नी सोनाली और रमेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पहले दोनों पुलिस को गुमराह करते रहे. पर पुलिस के सवालों के आगे ज्यादा देर टिक नहीं सके. आखिर में दोनों ने अपना अपराध कबूल कर लिया. पति को रास्ते से हटाने के लिए पत्नी सोनाली ने प्रेमी रमेश के साथ मिलकर पति की निर्मम हत्या की थी. इसके बाद रूपेस के हत्यारे जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए.

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