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Crime Story in Hindi : क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर करते थे लूटपाट

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Crime Story in Hindi Crime Story in Hindi | crime story :   क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर करते थे लूटपाट शाम के लगभग 6 बजे थे. आसमान में अपने-अपने बसेरों को लौट रहे परिंदो की और सड़क पर नौकरीपेशा लोगों की भीड़ अधिक थी, जो कि दिन भर आफिस में खपने के बाद थके हारे चेहरे लिए अपने अपने घरों को लौट रहे थे. ऐसे में उज्जैन में इंदौर रोड पर स्थित ‘होटल एटलस’ से दो युवतियां बाहर निकली. एक साथ होटल से बाहर आने वाली इन दोनों युवतियों के न केवल पहनावे में बल्कि चेहरे के हाव भाव में भी खासा अंतर था. किसी माॅडल की तरह छरहरी काया वाली युवती ने ‘लो वेस्ट’ जींस के ऊपर नाभि दर्शाता टाॅप पहन रखा था. जबकि उसके साथ वाली घबराई हुई युवती कुछ भरे बदन की थी, उसने सलवार कुर्ते के ऊपर कायदे से चुन्नी ओढ़ रखी थी, दोनों होटल से बाहर निकलकर वहां खड़ी एक काले रंग की आल्टो कार में बैठकर चली गई. इन दोनों के जाने के लगभग एक घंटे बाद होटल से पांच लोग भी शान के साथ निकले और एक गाड़ी में बैठकर चले गए. अब तक अंधेरा फैलने लगा था. ऐसे मे इन लोगों के जाने के बाद अपने हाथों में सामान लिए होटल से दो व्यक्ति और बाहर निकले

Crime Story in Hindi : असीरगढ़ के किले में खूनी खेल

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Crime Story in Hindi Crime Story in Hindi | new crime story असीरगढ़ के किले में खूनी खेल प्रदेश की पश्चिमी सीमा पर बसा एतिहासिक नगर है बुरहानपुर। वहां लगभग 22 किलोमीटर दूर असीरगढ़ का किला है। इंदौर बुरहानपुर रोड पर बसा यह किला रहस्य और रोमांच से भरा हुआ है। इस छोटे से कस्बे में स्थिति असीरगढ़ किला कई किंवदंतियों को अपने में समेटे हुए है। कहा जाता है कि गुरू द्रोणाचार्य के बेटे घटोतकच्छ की आत्मा आज भी इसी किले में रहती है। इसलिए कोई भी व्यक्ति रात के समय इस किले में नहीं ठहरता है। लोगों द्वारा कहीं बातों को सच मानें तो जिस किसी ने भी इस जनश्रुति को नकारने की कोशिश की है वह रात में इस किले के अंदर गया और अगले दिन जब वह आदमी सुबह किले से बाहर आता है तो पागल हो जाता है ऐसा कहा जाता है। फरवरी का महिना था। वेलेंटाइन-डे नजदीक होने के कारण आसपास के शहरों से एकांत की तलाश में घूमने के बहाने किले में आने वाले प्रेमी-जोड़ों की संख्या में इजाफा होने लगा था। इसलिए निम्बोला थाना प्रभारी का ज्यादातर समय असीरगढ़ चैकी में ही बीत रहा था। इस दौरान एक दिन दोपहर के समय किले से लौटे एक बदहवास जोड़ें

Crime Story in Hindi : सिरफिरा आशिक

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#crimestoryhindi #hindikahaniya #hindistories सिरफिरा आशिक New Crime Story  सिरफिरा आशिक उस वक्त रात के लगभग 10 बज रहे थे। मैरिज गार्डन में सुहानी और रोहन के वरमाला की तैयारी चल रही थी। दोनांे जोड़े स्टेज पर कुर्सी पर बैठे थे। दोनों के चेहरे पर छाई खुशी को देखकर लग रहा था कि दोनों अपने भावी दाम्पत्य जीवन को लेकर काफी खुश है। थोड़ी ही देर में दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाया तो गार्डन में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज गई। इसके बाद दोनों को बधाई, आर्शीवाद और तोहफे देने का सिलसिला शुरू हुआ। साथ में फोटोग्राफी भी चल रही थी। जहां गार्डन के अंदर में खुशियों और उत्साह का माहौल था वहीं गार्डन के बाहर एक सख्स बड़ी बैचेनी से गार्डन का चक्कर लगा रहा था। वह क्या करना चाहता था, उसको खुद समझ में नहीं आ रहा था। वह सख्स खुद अपने आप से बढ़बढ़ा रहा था, ‘मुझे ऐसा करना चाहिए.... नहीं, यह ठीक नहीं रहेगा...... सुहानी तूने बहुत बूरा किया।’ वह पैर पटकता हुआ चहल कदमी कर रहा था। रह-रह कर उसका हाथ कमर पर जा रहा था। ऐसा करते हुए उसे एक घंटा बीत गया। अंदर स्टेज पर कुछ भीड़ कम हो चुकी थी। बाहर चहल कदम

Crime Story short

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नौकरी के बहाने देहव्यापार (Crime Story short) मुंबई पुलिस की समाजसेवा शाखा ने एक ऐसे गिरोह का भंड़ाफोड़ किया जो खूबसूरत लड़कियों को मुबंई में बड़ी कंपनियों व फिल्मों में काम दिलाने वादा कर उन्हें मुबंई लाकर देहव्यापर करने के लिए मजबूर करते थे. इन लड़कियों को कोलकाता तथा बांग्लादेश की सीमा के आसपास के इलाके से लाया गया था. गिरोह के सदस्य लड़कियों व उनके परिवार वालों को अच्छी नौकरी व सैलरी देने का वादा कर इन्हें मुबंई लेकर आते थे. बड़े-बड़े सपने लेकर मुबंई पहुंचने पर इन लड़कियों के बूरे दिन शुरू हो जाते थे. लड़कियों को यहां  लाने के बाद इनके साथ जबरदस्ती कर पोर्न वीडियो बना लिया था. इन लड़कियों को उनकी पोर्न फोटो व पोर्न वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर इन्हें देहव्यपार के लिए मजबूर किया जाता था. एसएस ब्रांच के डीसीपी प्रवीण पाटिल के अनुसार, गिरोह ने लड़की को किसी ग्राहक के साथ बाहर भेजा गया था. वह लड़की किसी तरह से ग्राहक को चकमा देकर भाग निकली. पीड़ित लड़की किसी तरह से जुहू पुलिस स्टेशन पहुंची. यहां पर उसने पुलिस के सामने आपबीती सुनाई. लड़की की आपबीती सुनने के बाद पुलिस ने छापेम

Crime Story short : पुलिस बन कर करते थे ठगी

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पुलिस बन कर करते थे ठगी नागपुर पुलिस ने फर्जी पुलिस के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो काॅलगर्ल के घर पर उस वक्त छपा मारते थे. जब ग्राहक काॅलगर्ल के साथ मौजमस्ती कर रहा होता था. यह छापा असली पुलिस बन कर मारते थे. पिछले कुछ समय से इस गिरोह ने पुलिस की नाक में दम कर रखा था. फर्जी पुलिस द्वारा लुटे जाने के काफी शिकायत नागपुर के विभिन्न थानों में दर्ज हो चुके थे. गिरोह के सदस्य काफी चालाकी से काम को अंजाम दे रहे थे. पुलिस को काफी समय बाद क्लू मिला कि एक काॅलगर्ल के पास जब कोई बड़ा आसामी मौजमस्ती करने आता है, उस वक्त गिरोह के सदस्य असली पुलिस बन कर वहां छापा मारते थे. पुलिस के फर्जी छापे बिलकुल असली छापे की तरह होते थे. इससे ग्राहक बूरी तरह से घबरा जाता था. अपनी इज्जत बचाने के लिए ग्राहक पुलिस के हाथ पैर जोड़ कर कार्यवाही न करने की मांग करते थे. तब नकली पुलिस वाले इसके बदले लाखों रूपए का सौदा करते थे. पुलिस पिछले आठ माह से इस गिरोह को पकड़ने की कोशिश में थी. पर यह इतनी चालाकी से अपने काम को अंजाम दे रहा था कि वह पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ रहा था.  गिरोह को घेरने के लिए पु

Cheat by calling Kohinoor in the pitcher | घड़े में कोहिनूर बता कर ठगी

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घड़े में कोहिनूर बता कर ठगी Cheat by calling Kohinoor in the pitcher पानीपत का रजिन्द्र विदेश जाना चाहता था. यमुना नगर के नूरहसन ने आस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर उससे 7 लाख रूपए मांगे. रजिन्द्र के पास उस वक्त 2 लाख रूपए थे. उसने नूरहसन को दे दिए. रूपए लेने के बाद नूरहसन, रजिन्द्र को काफी समय तक घुमाता रहा. एक दिन उसने रजिन्द्र  से कहा उसे विदेश जाने की जरूरत नहीं क्योंकि उसके घर में दो घड़े दबे हैं, जो हीरे-जवाहरात से भरे हैं. यदि वह किसी तरह से डेढ़ लाख रूपये और दे दंे तो उसमें से एक घड़ा वह उसे दे देगा. रजिन्द्र लालच में आ गया. उसने इधर-उधर से किसी तरह से डेढ़ लाख रूपए जमा किए. वह रूपए लाकर नूरहसन को दे दिए. रूपये पर नूरहसन अपने घर से एक सजा हुआ घड़ा ले आया. नूरहसन ने रजिन्द्र  से कहा, इसे यमुना नदी में रात के वक्त मंत्रों से शुद्ध करना होगा. दोनों रात के समय घड़ा लेकर यमुना नदी पर पहुंच गए. घड़े को शुद्ध करने के बहाने नूरहसन घड़े को यमुना नदी में छोड़. पानी के बहाव में वह घड़ा बहते-बहते दूर चला गया. इस पर नूरहसन ने कहा, अब तो घड़ा को बीच मझधार में जाकर लाना मुश्किल है. लेकिन परेशान हो